कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

كِرَامٗا كَٰتِبِينَ

जो सम्माननीय लिखने वाले हैं।

सूरह का नाम : Al-Infitar   सूरह नंबर : 82   आयत नंबर: 11

يَعۡلَمُونَ مَا تَفۡعَلُونَ

वे जानते हैं, जो तुम करते हो।[3]

तफ़्सीर:

3. (9-12) इन आयतों में इस भ्रम का खंडन किया गया है कि सभी कर्मों और कथनों का ज्ञान कैसे हो सकता है।

सूरह का नाम : Al-Infitar   सूरह नंबर : 82   आयत नंबर: 12

إِنَّ ٱلۡأَبۡرَارَ لَفِي نَعِيمٖ

निःसंदेह नेक लोग बड़ी नेमत (आनंद) में होंगे।

सूरह का नाम : Al-Infitar   सूरह नंबर : 82   आयत नंबर: 13

وَإِنَّ ٱلۡفُجَّارَ لَفِي جَحِيمٖ

और निःसंदेह दुराचारी लोग जहन्नम में होंगे।

सूरह का नाम : Al-Infitar   सूरह नंबर : 82   आयत नंबर: 14

يَصۡلَوۡنَهَا يَوۡمَ ٱلدِّينِ

वे उसमें बदले के दिन प्रवेश करेंगे।

सूरह का नाम : Al-Infitar   सूरह नंबर : 82   आयत नंबर: 15

وَمَا هُمۡ عَنۡهَا بِغَآئِبِينَ

और वे उससे कभी ग़ायब होने वाले नहीं हैं।[4]

तफ़्सीर:

4. (13-16) इन आयतों में सदाचारियों तथा दुराचारियों का परिणाम बताया गया है कि एक स्वर्ग के सुखों में रहेगा और दूसरा नरक के दंड का भागी बनेगा।

सूरह का नाम : Al-Infitar   सूरह नंबर : 82   आयत नंबर: 16

وَمَآ أَدۡرَىٰكَ مَا يَوۡمُ ٱلدِّينِ

और आप क्या जानें कि बदले का दिन क्या है?

सूरह का नाम : Al-Infitar   सूरह नंबर : 82   आयत नंबर: 17

ثُمَّ مَآ أَدۡرَىٰكَ مَا يَوۡمُ ٱلدِّينِ

फिर आप क्या जानें कि बदले का दिन क्या है?

सूरह का नाम : Al-Infitar   सूरह नंबर : 82   आयत नंबर: 18

يَوۡمَ لَا تَمۡلِكُ نَفۡسٞ لِّنَفۡسٖ شَيۡـٔٗاۖ وَٱلۡأَمۡرُ يَوۡمَئِذٖ لِّلَّهِ

जिस दिन कोई प्राणी किसी प्राणी के लिए किसी चीज़ का अधिकार न रखेगा और उस दिन आदेश केवल अल्लाह का होगा।[5]

तफ़्सीर:

5. (17-19) इन आयतों में दो वाक्यों में प्रलय की चर्चा दोहराकर उसकी भयानकता को दर्शाते हुए बताया गया है कि निर्णय बे लाग होगा। कोई किसी की सहायता नहीं कर सकेगा। सत्य आस्था और सत्कर्म ही सहायक होंगे जिसका मार्ग क़ुरआन दिखा रहा है। क़ुरआन की सभी आयतों में प्रतिकार का दिन प्रलय के दिन को ही बताया गया है जिस दिन प्रत्येक मनुष्य को अपने कर्मानुसार प्रतिकार मिलेगा।

सूरह का नाम : Al-Infitar   सूरह नंबर : 82   आयत नंबर: 19

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