कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَلَقَدۡ ءَاتَيۡنَا مُوسَىٰ تِسۡعَ ءَايَٰتِۭ بَيِّنَٰتٖۖ فَسۡـَٔلۡ بَنِيٓ إِسۡرَـٰٓءِيلَ إِذۡ جَآءَهُمۡ فَقَالَ لَهُۥ فِرۡعَوۡنُ إِنِّي لَأَظُنُّكَ يَٰمُوسَىٰ مَسۡحُورٗا

और निश्चय हमने मूसा को नौ स्पष्ट निशानियाँ[60] दीं। अतः आप बनी इसराईल से पूछ लें, जब वह (मूसा) उनके पास आए, तो फ़िरऔन ने उनसे कहा : ऐ मूसा! मैं समझता हूँ कि तुझपर जादू कर दिया गया है।

قَالَ لَقَدۡ عَلِمۡتَ مَآ أَنزَلَ هَـٰٓؤُلَآءِ إِلَّا رَبُّ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِ بَصَآئِرَ وَإِنِّي لَأَظُنُّكَ يَٰفِرۡعَوۡنُ مَثۡبُورٗا

मूसा ने उत्तर दिया : निःसंदेह तुम जान चुके हो कि इन (निशानियों) को आकाशों और धरती के पालनहार ही ने (समझाने के लिए) स्पष्ट प्रमाण बनाकर पर उतारा है। और निश्चय ही मैं जानता हूँ कि ऐ फ़िरऔन! तेरा विनाश हुआ।

فَأَرَادَ أَن يَسۡتَفِزَّهُم مِّنَ ٱلۡأَرۡضِ فَأَغۡرَقۡنَٰهُ وَمَن مَّعَهُۥ جَمِيعٗا

अंततः उसने उन्हें[61] उस भूभाग से[62] निकाल बाहर करने का इरादा किया, तो हमने उसे और उसके सब साथियों को डुबो दिया।

وَقُلۡنَا مِنۢ بَعۡدِهِۦ لِبَنِيٓ إِسۡرَـٰٓءِيلَ ٱسۡكُنُواْ ٱلۡأَرۡضَ فَإِذَا جَآءَ وَعۡدُ ٱلۡأٓخِرَةِ جِئۡنَا بِكُمۡ لَفِيفٗا

और हमने उसके बाद बनी इसराईल से कहा : तुम इस धरती में बस जाओ। फिर जब आख़िरत का वादा आएगा, तो हम तुम सबको ले आएँगे।

وَبِٱلۡحَقِّ أَنزَلۡنَٰهُ وَبِٱلۡحَقِّ نَزَلَۗ وَمَآ أَرۡسَلۡنَٰكَ إِلَّا مُبَشِّرٗا وَنَذِيرٗا

और हमने सत्य ही के साथ इस (क़ुरआन) को उतारा है, तथा यह सत्य ही के साथ उतरा है। और हमने आपको केवल शुभ सूचना देने वाला तथा डराने वाला बनाकर भेजा है।

وَقُرۡءَانٗا فَرَقۡنَٰهُ لِتَقۡرَأَهُۥ عَلَى ٱلنَّاسِ عَلَىٰ مُكۡثٖ وَنَزَّلۡنَٰهُ تَنزِيلٗا

और हमने इस क़ुरआन को अलग-अलग करके उतारा है, ताकि आप इसे लोगों के सामने ठहर-ठहर कर पढ़ें और हमने इसे थोड़ा-थोड़ा[63] करके उतारा है।

قُلۡ ءَامِنُواْ بِهِۦٓ أَوۡ لَا تُؤۡمِنُوٓاْۚ إِنَّ ٱلَّذِينَ أُوتُواْ ٱلۡعِلۡمَ مِن قَبۡلِهِۦٓ إِذَا يُتۡلَىٰ عَلَيۡهِمۡ يَخِرُّونَۤ لِلۡأَذۡقَانِۤ سُجَّدٗاۤ

आप कह दें : तुम इस (क़ुरआन) पर ईमान लाओ या ईमान न लाओ, निःसंदेह जिन लोगों को इससे पहले ज्ञान दिया गया[64], जब उनके सामने इसे पढ़कर सुनाया जाता है, तो वे ठुड्डियों के बल सजदे में गिर जाते हैं।

وَيَقُولُونَ سُبۡحَٰنَ رَبِّنَآ إِن كَانَ وَعۡدُ رَبِّنَا لَمَفۡعُولٗا

और कहते हैं : पवित्र है हमारा पालनहार! निःसंदेह हमारे पालनहार का वादा अवश्य पूरा होना है।

۩ وَيَخِرُّونَ لِلۡأَذۡقَانِ يَبۡكُونَ وَيَزِيدُهُمۡ خُشُوعٗا

और वे रोते हुए ठुड्डियों के बल गिर जाते हैं और यह (क़ुरआन) उनके विनय को बढ़ा देता है।

قُلِ ٱدۡعُواْ ٱللَّهَ أَوِ ٱدۡعُواْ ٱلرَّحۡمَٰنَۖ أَيّٗا مَّا تَدۡعُواْ فَلَهُ ٱلۡأَسۡمَآءُ ٱلۡحُسۡنَىٰۚ وَلَا تَجۡهَرۡ بِصَلَاتِكَ وَلَا تُخَافِتۡ بِهَا وَٱبۡتَغِ بَيۡنَ ذَٰلِكَ سَبِيلٗا

(ऐ नबी!) आप कह दें : 'अल्लाह' कहकर पुकारो या 'रहमान' कहकर पुकारो। तुम जिस नाम से भी पुकारोगे, उसके सभी नाम अच्छे[65] हैं। और (ऐ नबी!) नमाज़ में आवाज़ न तो ऊँची रखो और न नीची, बल्कि इन दोनों के बीच का मार्ग अपनाओ।[66]

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