कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَلَا تَقۡتُلُوٓاْ أَوۡلَٰدَكُمۡ خَشۡيَةَ إِمۡلَٰقٖۖ نَّحۡنُ نَرۡزُقُهُمۡ وَإِيَّاكُمۡۚ إِنَّ قَتۡلَهُمۡ كَانَ خِطۡـٔٗا كَبِيرٗا

तथा अपनी संतान को गरीबी के भय से क़त्ल न करो। हम ही उन्हें रोज़ी प्रदान करते हैं और तुम्हें भी। निःसंदेह उनका क़त्ल बहुत बड़ा पाप है।

وَلَا تَقۡرَبُواْ ٱلزِّنَىٰٓۖ إِنَّهُۥ كَانَ فَٰحِشَةٗ وَسَآءَ سَبِيلٗا

और व्यभिचार के निकट भी न जाओ। निःसंदेह वह निर्लज्जता (अश्लीलता) तथा बुरी राह है।

وَلَا تَقۡتُلُواْ ٱلنَّفۡسَ ٱلَّتِي حَرَّمَ ٱللَّهُ إِلَّا بِٱلۡحَقِّۗ وَمَن قُتِلَ مَظۡلُومٗا فَقَدۡ جَعَلۡنَا لِوَلِيِّهِۦ سُلۡطَٰنٗا فَلَا يُسۡرِف فِّي ٱلۡقَتۡلِۖ إِنَّهُۥ كَانَ مَنصُورٗا

और किसी (ऐसे) प्राणी को क़त्ल न करो, जिसे (क़त्ल करना) अल्लाह ने हराम किया है, परंतु अधिकार[20] के साथ। और जिसे अन्यायपूर्ण रूप से क़त्ल कर दिया जाए, तो हमने उसके उत्तराधिकारी को (बदला लेने का) अधिकार[21] दिया है। अतः वह क़त्ल (बदला लेने) में सीमा से आगे[22] न बढ़े। निश्चय वह मदद किया हुआ है।

وَلَا تَقۡرَبُواْ مَالَ ٱلۡيَتِيمِ إِلَّا بِٱلَّتِي هِيَ أَحۡسَنُ حَتَّىٰ يَبۡلُغَ أَشُدَّهُۥۚ وَأَوۡفُواْ بِٱلۡعَهۡدِۖ إِنَّ ٱلۡعَهۡدَ كَانَ مَسۡـُٔولٗا

और अनाथ के धन के निकट न जाओ, परन्तु उस तरीक़े से जो सबसे उत्तम हो, यहाँ तक कि वह अपनी युवावस्था को पहुँच जाए। तथा प्रतिज्ञा पूरा करो। निःसंदेह प्रतिज्ञा के विषय में प्रश्न किया जाएगा।

وَأَوۡفُواْ ٱلۡكَيۡلَ إِذَا كِلۡتُمۡ وَزِنُواْ بِٱلۡقِسۡطَاسِ ٱلۡمُسۡتَقِيمِۚ ذَٰلِكَ خَيۡرٞ وَأَحۡسَنُ تَأۡوِيلٗا

और जब मापकर दो, तो माप पूरा करो और सीधी तराज़ू से तौलो। यह सर्वोत्तम है और परिणाम की दृष्टि से बहुत बेहतर है।

وَلَا تَقۡفُ مَا لَيۡسَ لَكَ بِهِۦ عِلۡمٌۚ إِنَّ ٱلسَّمۡعَ وَٱلۡبَصَرَ وَٱلۡفُؤَادَ كُلُّ أُوْلَـٰٓئِكَ كَانَ عَنۡهُ مَسۡـُٔولٗا

और ऐसी बात के पीछे न पड़ो, जिसका तुम्हें कोई ज्ञान न हो। निश्चय ही कान तथा आँख और दिल, इनमें से प्रत्येक के बारे में (क़ियामत के दिन) पूछा जाएगा।[23]

وَلَا تَمۡشِ فِي ٱلۡأَرۡضِ مَرَحًاۖ إِنَّكَ لَن تَخۡرِقَ ٱلۡأَرۡضَ وَلَن تَبۡلُغَ ٱلۡجِبَالَ طُولٗا

और धरती पर अकड़कर न चलो। निःसंदेह न तुम धरती को फाड़ सकोगे और न लंबाई में पर्वतों तक पहुँच सकोगे।

كُلُّ ذَٰلِكَ كَانَ سَيِّئُهُۥ عِندَ رَبِّكَ مَكۡرُوهٗا

इन सब चीज़ों में से जो बुरी है, वह आपके पालनहार के निकट अप्रिय है।

ذَٰلِكَ مِمَّآ أَوۡحَىٰٓ إِلَيۡكَ رَبُّكَ مِنَ ٱلۡحِكۡمَةِۗ وَلَا تَجۡعَلۡ مَعَ ٱللَّهِ إِلَٰهًا ءَاخَرَ فَتُلۡقَىٰ فِي جَهَنَّمَ مَلُومٗا مَّدۡحُورًا

ये हिकमत की वे बातें हैं, जिनकी आपके पालनहार ने आपकी ओर वह़्य (प्रकाशना) की है। और अल्लाह के साथ कोई दूसरा पूज्य न बनाओ। अन्यथा तुम निंदित, धुत्कारे हुए जहन्नम में फेंक दिए जाओगे।

أَفَأَصۡفَىٰكُمۡ رَبُّكُم بِٱلۡبَنِينَ وَٱتَّخَذَ مِنَ ٱلۡمَلَـٰٓئِكَةِ إِنَٰثًاۚ إِنَّكُمۡ لَتَقُولُونَ قَوۡلًا عَظِيمٗا

क्या तुम्हारे पालनहार ने बेटों के लिए तुम्हें चुन लिया है और (अपने लिए) फ़रिश्तों में से बेटियाँ बना ली हैं? निःसंदेह तुम बहुत बड़ी (गंभीर) बात कह रहे हो।[24]

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