وَإِذۡ قُلۡنَا لِلۡمَلَـٰٓئِكَةِ ٱسۡجُدُواْ لِأٓدَمَ فَسَجَدُوٓاْ إِلَّآ إِبۡلِيسَ قَالَ ءَأَسۡجُدُ لِمَنۡ خَلَقۡتَ طِينٗا
और जब हमने फ़रिश्तों से कहा : आदम को सजदा करो, तो इबलीस के सिवा सबने सजदा किया। उसने कहा कि क्या मैं उसे सजदा करूँ, जिसे तूने मिट्टी से पैदा किया है?
قَالَ أَرَءَيۡتَكَ هَٰذَا ٱلَّذِي كَرَّمۡتَ عَلَيَّ لَئِنۡ أَخَّرۡتَنِ إِلَىٰ يَوۡمِ ٱلۡقِيَٰمَةِ لَأَحۡتَنِكَنَّ ذُرِّيَّتَهُۥٓ إِلَّا قَلِيلٗا
(तथा) उसने कहा : क्या तूने इसे देखा, जिसे तूने मेरे ऊपर सम्मानित किया है? यदि तूने मुझे क़ियामत के दिन तक अवसर दिया, तो मैं निश्चित रूप से कुछ को छोड़कर, उसकी संतति को अपने वश[38] में कर लूँगा।
قَالَ ٱذۡهَبۡ فَمَن تَبِعَكَ مِنۡهُمۡ فَإِنَّ جَهَنَّمَ جَزَآؤُكُمۡ جَزَآءٗ مَّوۡفُورٗا
अल्लाह ने कहा : जा! उनमें से जो भी तेरी बात मानेगा, तो निःसंदेह तुम सब का भरपूर बदला जहन्नम है।
وَٱسۡتَفۡزِزۡ مَنِ ٱسۡتَطَعۡتَ مِنۡهُم بِصَوۡتِكَ وَأَجۡلِبۡ عَلَيۡهِم بِخَيۡلِكَ وَرَجِلِكَ وَشَارِكۡهُمۡ فِي ٱلۡأَمۡوَٰلِ وَٱلۡأَوۡلَٰدِ وَعِدۡهُمۡۚ وَمَا يَعِدُهُمُ ٱلشَّيۡطَٰنُ إِلَّا غُرُورًا
उनमें से जिस पर तेरा बस चल सके, उसे अपनी आवाज़[39] से बहका ले, और उनपर अपने सवार और प्यादे चढ़ा[40] ला, तथा धन और संतान में उनका साझी बन[41] जा, और उनसे झूठे वादे कर। और शैतान उनसे जो वादा करता है, वह धोखे के सिवा कुछ नहीं होता।
إِنَّ عِبَادِي لَيۡسَ لَكَ عَلَيۡهِمۡ سُلۡطَٰنٞۚ وَكَفَىٰ بِرَبِّكَ وَكِيلٗا
निःसंदेह मेरे (सच्चे) बंदों पर तेरा कोई वश नहीं चल सकता और आपका पालनहार संरक्षक के रूप में काफ़ी है।
رَّبُّكُمُ ٱلَّذِي يُزۡجِي لَكُمُ ٱلۡفُلۡكَ فِي ٱلۡبَحۡرِ لِتَبۡتَغُواْ مِن فَضۡلِهِۦٓۚ إِنَّهُۥ كَانَ بِكُمۡ رَحِيمٗا
तुम्हारा पालनहार वह है, जो तुम्हारे लिए समुद्र में नौका चलाता है, ताकि तुम उसका अनुग्रह (रोज़ी) तलाश करो। निःसंदेह वह तुमपर अत्यंत दयालु है।
وَإِذَا مَسَّكُمُ ٱلضُّرُّ فِي ٱلۡبَحۡرِ ضَلَّ مَن تَدۡعُونَ إِلَّآ إِيَّاهُۖ فَلَمَّا نَجَّىٰكُمۡ إِلَى ٱلۡبَرِّ أَعۡرَضۡتُمۡۚ وَكَانَ ٱلۡإِنسَٰنُ كَفُورًا
और जब समुद्र में तुमपर कोई आपदा आती है, तो अल्लाह के सिवा तुम जिन्हें पुकारते हो, गुम हो जाते हैं[42], फिर जब वह (अल्लाह) तुम्हें बचाकर थल तक पहुँचा देता है, तो (उससे) मुँह फेर लेते हो। और मनुष्य बहुत ही कृतघ्न है।
أَفَأَمِنتُمۡ أَن يَخۡسِفَ بِكُمۡ جَانِبَ ٱلۡبَرِّ أَوۡ يُرۡسِلَ عَلَيۡكُمۡ حَاصِبٗا ثُمَّ لَا تَجِدُواْ لَكُمۡ وَكِيلًا
क्या तुम इस बात से निश्चिंत हो गए हो कि अल्लाह तुम्हें थल की ओर ले जाकर (धरती में) धँसा दे या तुमपर पत्थरों की बारिश कर दे, फिर तुम अपना कोई संरक्षक न पाओ?
أَمۡ أَمِنتُمۡ أَن يُعِيدَكُمۡ فِيهِ تَارَةً أُخۡرَىٰ فَيُرۡسِلَ عَلَيۡكُمۡ قَاصِفٗا مِّنَ ٱلرِّيحِ فَيُغۡرِقَكُم بِمَا كَفَرۡتُمۡ ثُمَّ لَا تَجِدُواْ لَكُمۡ عَلَيۡنَا بِهِۦ تَبِيعٗا
या तुम इस बात से निश्चिंत हो गए हो कि वह तुम्हें दूसरी बार उस (समुद्र) में लौटा दे, फिर तुमपर तोड़ देने वाली प्रचंड हवा भेज दे, तो वह तुम्हें तुम्हारी कृतघ्नता के कारण डुबो दे। फिर तुम अपने लिए हमारे विरुद्ध इस मामले में कोई हमारा पीछा करने वाला न पाओ?[43]
۞وَلَقَدۡ كَرَّمۡنَا بَنِيٓ ءَادَمَ وَحَمَلۡنَٰهُمۡ فِي ٱلۡبَرِّ وَٱلۡبَحۡرِ وَرَزَقۡنَٰهُم مِّنَ ٱلطَّيِّبَٰتِ وَفَضَّلۡنَٰهُمۡ عَلَىٰ كَثِيرٖ مِّمَّنۡ خَلَقۡنَا تَفۡضِيلٗا
निश्चय ही हमने आदम की संतान को सम्मान प्रदान किया, और उन्हें थल और जल में सवार[44] किया, और उन्हें अच्छी-पाक चीज़ों की रोज़ी दी, तथा हमने अपने पैदा किए हुए बहुत-से प्राणियों पर उन्हें श्रेष्ठता प्रदान की।