कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَمَا يُغۡنِي عَنۡهُ مَالُهُۥٓ إِذَا تَرَدَّىٰٓ

और जब वह (जहन्नम के गड्ढे में) गिरेगा, तो उसका धन उसके किसी काम नहीं आएगा।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 11

إِنَّ عَلَيۡنَا لَلۡهُدَىٰ

निःसंदेह हमारा ही ज़िम्मे मार्ग दिखाना है।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 12

وَإِنَّ لَنَا لَلۡأٓخِرَةَ وَٱلۡأُولَىٰ

निःसंदेह हमारे ही अधिकार में आख़िरत और दुनिया है।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 13

فَأَنذَرۡتُكُمۡ نَارٗا تَلَظَّىٰ

अतः मैंने तुम्हें भड़कती आग से सावधान कर दिया है।[3]

तफ़्सीर:

3. (11-14) इन आयतों में मानवजाति (इनसान) को सावधान किया गया है कि अल्लाह का, दया और न्याय के कारण मात्र यह दायित्व था कि सत्य मार्ग दिखा दे। और क़ुरआन द्वारा उसने अपना यह दायित्व पूरा कर दिया। किसी को सत्य मार्ग पर लगा देना उसका दायित्व नहीं है। अब इस सीधी राह को अपनाओगे तो तुम्हारा ही भला होगा। अन्यथा याद रखो कि संसार और परलोक दोनों ही अल्लाह के अधिकार में हैं। न यहाँ कोई तुम्हें बचा सकता है, और न वहाँ कोई तुम्हारा सहायक होगा।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 14

لَا يَصۡلَىٰهَآ إِلَّا ٱلۡأَشۡقَى

जिसमें केवल सबसे बड़ा अभागा ही प्रवेश करेगा।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 15

ٱلَّذِي كَذَّبَ وَتَوَلَّىٰ

जिसने झुठलाया तथा मुँह फेरा।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 16

وَسَيُجَنَّبُهَا ٱلۡأَتۡقَى

और उससे उस व्यक्ति को बचा लिया जाएगा, जो सबसे ज़्यादा परहेज़गार है।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 17

ٱلَّذِي يُؤۡتِي مَالَهُۥ يَتَزَكَّىٰ

जो अपना धन देता है, ताकि वह पवित्र हो जाए।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 18

وَمَا لِأَحَدٍ عِندَهُۥ مِن نِّعۡمَةٖ تُجۡزَىٰٓ

और उसपर किसी का कोई उपकार नहीं है, जिसका बदला चुकाया जाए।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 19

إِلَّا ٱبۡتِغَآءَ وَجۡهِ رَبِّهِ ٱلۡأَعۡلَىٰ

वह तो केवल अपने सर्वोच्च रब का चेहरा चाहता है।

सूरह का नाम : Al-Layl   सूरह नंबर : 92   आयत नंबर: 20

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