कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

يُبَصَّرُونَهُمۡۚ يَوَدُّ ٱلۡمُجۡرِمُ لَوۡ يَفۡتَدِي مِنۡ عَذَابِ يَوۡمِئِذِۭ بِبَنِيهِ

हालाँकि वे उन्हें दिखाए जा रहे होंगे। अपराधी चाहेगा कि काश उस दिन की यातना से बचने के लिए छुड़ौती में दे दे अपने बेटों को।

सूरह का नाम : Al-Maaarij   सूरह नंबर : 70   आयत नंबर: 11

وَصَٰحِبَتِهِۦ وَأَخِيهِ

तथा अपनी पत्नी और अपने भाई को।

सूरह का नाम : Al-Maaarij   सूरह नंबर : 70   आयत नंबर: 12

وَفَصِيلَتِهِ ٱلَّتِي تُـٔۡوِيهِ

तथा अपने परिवार (कुटुंब) को, जो उसे शरण देता था।

सूरह का नाम : Al-Maaarij   सूरह नंबर : 70   आयत नंबर: 13

وَمَن فِي ٱلۡأَرۡضِ جَمِيعٗا ثُمَّ يُنجِيهِ

और उन सभी लोगों[4] को जो धरती में हैं। फिर अपने आपको बचा ले।

तफ़्सीर:

4. ह़दीस में है कि जिस नारकी को सबसे सरल यातना दी जाएगी, उससे अल्लाह कहेगा : क्या धरती का सब कुछ तुम्हें मिल जाए तो उसे इसके दंड में दे दोगे? वह कहेगा : हाँ। अल्लाह कहेगा : तुम आदम की पीठ में थे, तो मैंने तुमसे इससे सरल की माँग की थी कि मेरा किसी को साझी न बनाना, पर तुमने इनकार किया और शिर्क किया। (सह़ीह़ बुख़ारी : 6557, सह़ीह़ मुस्लिम : 2805)

सूरह का नाम : Al-Maaarij   सूरह नंबर : 70   आयत नंबर: 14

كَلَّآۖ إِنَّهَا لَظَىٰ

कदापि नहीं! निःसंदेह वह (जहन्नम) भड़कने वाली आग है।

सूरह का नाम : Al-Maaarij   सूरह नंबर : 70   आयत नंबर: 15

نَزَّاعَةٗ لِّلشَّوَىٰ

जो खाल उधेड़ देने वाली है।

सूरह का नाम : Al-Maaarij   सूरह नंबर : 70   आयत नंबर: 16

تَدۡعُواْ مَنۡ أَدۡبَرَ وَتَوَلَّىٰ

वह उसे पुकारेगी, जिसने पीठ फेरी[5] और मुँह मोड़ा।

तफ़्सीर:

5. अर्थात सत्य से।

सूरह का नाम : Al-Maaarij   सूरह नंबर : 70   आयत नंबर: 17

وَجَمَعَ فَأَوۡعَىٰٓ

तथा (धन) एकत्र किया और संभाल कर रखा।

सूरह का नाम : Al-Maaarij   सूरह नंबर : 70   आयत नंबर: 18

۞إِنَّ ٱلۡإِنسَٰنَ خُلِقَ هَلُوعًا

निःसंदेह मनुष्य बहुत अधीर बनाया गया है।

सूरह का नाम : Al-Maaarij   सूरह नंबर : 70   आयत नंबर: 19

إِذَا مَسَّهُ ٱلشَّرُّ جَزُوعٗا

जब उसे कष्ट पहुँचता है, तो बहुत घबरा जाने वाला है।

सूरह का नाम : Al-Maaarij   सूरह नंबर : 70   आयत नंबर: 20

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