कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

ذَرۡنِي وَمَنۡ خَلَقۡتُ وَحِيدٗا

आप मुझे और उसे छोड़ दें, जिसे मैंने अकेला पैदा किया।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 11

وَجَعَلۡتُ لَهُۥ مَالٗا مَّمۡدُودٗا

और मैंने उसे बहुत सारा धन प्रदान किया।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 12

وَبَنِينَ شُهُودٗا

और उपस्थित रहने वाले बेटे[3] दिए।

तफ़्सीर:

3. जो उसकी सेवा में उपस्थित रहते हैं। कहा गया है कि इससे अभिप्राय वलीद बिन मुग़ीरह है, जिसके दस पुत्र थे।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 13

وَمَهَّدتُّ لَهُۥ تَمۡهِيدٗا

और मैंने उसे प्रत्येक प्रकार का संसाधन दिया।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 14

ثُمَّ يَطۡمَعُ أَنۡ أَزِيدَ

फिर वह लोभ रखता है कि मैं उसे और अधिक दूँ।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 15

كَلَّآۖ إِنَّهُۥ كَانَ لِأٓيَٰتِنَا عَنِيدٗا

कदापि नहीं! निश्चय वह हमारी आयतों का सख़्त विरोधी है।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 16

سَأُرۡهِقُهُۥ صَعُودًا

शीघ्र ही मैं उसे एक कठोर चढ़ाई[4] चढ़ाऊँगा।

तफ़्सीर:

4. अर्थात कड़ी यातना दूँगा। (इब्ने कसीर)

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 17

إِنَّهُۥ فَكَّرَ وَقَدَّرَ

निःसंदेह उसने सोच-विचार किया और बात बनाई।[5]

तफ़्सीर:

5. क़ुरआन के संबंध में प्रश्न किया गया तो वह सोचने लगा कि कौन सी बात बनाए और उसके बारे में क्या कहे? (इब्ने कसीर)

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 18

فَقُتِلَ كَيۡفَ قَدَّرَ

तो वह मारा जाए! उसने कैसी कैसी बात बनाई?

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 19

ثُمَّ قُتِلَ كَيۡفَ قَدَّرَ

फिर मारा जाए! उसने कैसी बात बनाई?

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 20

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