कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

ثُمَّ نَظَرَ

फिर उसने देखा।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 21

ثُمَّ عَبَسَ وَبَسَرَ

फिर उसने त्योरी चढ़ाई और मुँह बनाया।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 22

ثُمَّ أَدۡبَرَ وَٱسۡتَكۡبَرَ

फिर उसने पीठ फेरी और घमंड किया।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 23

فَقَالَ إِنۡ هَٰذَآ إِلَّا سِحۡرٞ يُؤۡثَرُ

फिर उसने कहा : यह तो मात्र एक जादू है, जो (पहलों से) नक़ल (उद्धृत) किया जाता है।[6]

तफ़्सीर:

6. अर्थात मुह़म्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) ने यह किसी से सीख लिया है। कहा जाता है कि वलीद बिन मुग़ीरह ने अबू जह्ल से कहा था कि लोगों में क़ुरआन के जादू होने का प्रचार किया जाए।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 24

إِنۡ هَٰذَآ إِلَّا قَوۡلُ ٱلۡبَشَرِ

यह तो मात्र मनुष्य[7] की वाणी है।

तफ़्सीर:

7. अर्थात अल्लाह की वाणी नहीं है।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 25

سَأُصۡلِيهِ سَقَرَ

मैं उसे शीघ्र ही 'सक़र' (जहन्नम) में झोंक दूँगा।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 26

وَمَآ أَدۡرَىٰكَ مَا سَقَرُ

और आपको किस चीज़ ने अवगत कराया कि 'सक़र' (जहन्नम) क्या है?

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 27

لَا تُبۡقِي وَلَا تَذَرُ

वह न शेष रखेगी और न छोड़ेगी।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 28

لَوَّاحَةٞ لِّلۡبَشَرِ

वह खाल को झुलस देने वाली है।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 29

عَلَيۡهَا تِسۡعَةَ عَشَرَ

उसपर उन्नीस (फ़रिश्ते) नियुक्त हैं।

सूरह का नाम : Al-Muddaththir   सूरह नंबर : 74   आयत नंबर: 30

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