कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

ٱلَّذِينَ يَرِثُونَ ٱلۡفِرۡدَوۡسَ هُمۡ فِيهَا خَٰلِدُونَ

जो फ़िरदौस[2] के वारिस होंगे, वे उसमें हमेशा रहने वाले हैं।

तफ़्सीर:

2. फ़िरदौस, स्वर्ग का सर्वोच्च स्थान है।

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 11

وَلَقَدۡ خَلَقۡنَا ٱلۡإِنسَٰنَ مِن سُلَٰلَةٖ مِّن طِينٖ

और निःसंदेह हमने मनुष्य को तुच्छ मिट्टी के एक सार से पैदा किया।

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 12

ثُمَّ جَعَلۡنَٰهُ نُطۡفَةٗ فِي قَرَارٖ مَّكِينٖ

फिर हमने उसे वीर्य बनाकर एक सुरक्षित स्थान[3] में रखा।

तफ़्सीर:

3. अर्थात गर्भाशय में।

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 13

ثُمَّ خَلَقۡنَا ٱلنُّطۡفَةَ عَلَقَةٗ فَخَلَقۡنَا ٱلۡعَلَقَةَ مُضۡغَةٗ فَخَلَقۡنَا ٱلۡمُضۡغَةَ عِظَٰمٗا فَكَسَوۡنَا ٱلۡعِظَٰمَ لَحۡمٗا ثُمَّ أَنشَأۡنَٰهُ خَلۡقًا ءَاخَرَۚ فَتَبَارَكَ ٱللَّهُ أَحۡسَنُ ٱلۡخَٰلِقِينَ

फिर हमने उस वीर्य को एक जमा हुआ रक्त बनाया, फिर हमने उस जमे हुए रक्त को एक बोटी बनाया, फिर हमने उस बोटी को हड्डियाँ बनाया, फिर हमने उन हड्डियों को कुछ माँस पहनाया, फिर हमने उसे एक अन्य रूप में पैदा कर दिया। तो बहुत बरकत वाला है अल्लाह, जो बनाने वालों में सबसे अच्छा है।

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 14

ثُمَّ إِنَّكُم بَعۡدَ ذَٰلِكَ لَمَيِّتُونَ

फिर निःसंदेह तुम इसके पश्चात् अवश्य मरने वाले हो।

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 15

ثُمَّ إِنَّكُمۡ يَوۡمَ ٱلۡقِيَٰمَةِ تُبۡعَثُونَ

फिर निःसंदेह तुम क़ियामत के दिन उठाए जाओगे।

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 16

وَلَقَدۡ خَلَقۡنَا فَوۡقَكُمۡ سَبۡعَ طَرَآئِقَ وَمَا كُنَّا عَنِ ٱلۡخَلۡقِ غَٰفِلِينَ

और निःसंदेह हमने तुम्हारे ऊपर सात आकाश बनाए और हम कभी सृष्टि से ग़ाफ़िल[4] नहीं।

तफ़्सीर:

4. अर्थात उत्पत्ति की आवश्यकता तथा जीवन के संसाधन की व्यवस्था भी कर रहे हैं।

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 17

وَأَنزَلۡنَا مِنَ ٱلسَّمَآءِ مَآءَۢ بِقَدَرٖ فَأَسۡكَنَّـٰهُ فِي ٱلۡأَرۡضِۖ وَإِنَّا عَلَىٰ ذَهَابِۭ بِهِۦ لَقَٰدِرُونَ

और हमने आकाश से एक अंदाज़े के साथ कुछ पानी उतारा, फिर उसे धरती में ठहराया और निश्चय हम उसे किसी भी तरह से ले जाने पर सामर्थ्यवान हैं।

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 18

فَأَنشَأۡنَا لَكُم بِهِۦ جَنَّـٰتٖ مِّن نَّخِيلٖ وَأَعۡنَٰبٖ لَّكُمۡ فِيهَا فَوَٰكِهُ كَثِيرَةٞ وَمِنۡهَا تَأۡكُلُونَ

फिर हमने तुम्हारे लिए उस (पानी) के द्वारा खजूरों तथा अंगूरों के बाग़ पैदा किए। तुम्हारे लिए उनमें बहुत-से फल हैं और तुम उन्ही में से खाते हो।

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 19

وَشَجَرَةٗ تَخۡرُجُ مِن طُورِ سَيۡنَآءَ تَنۢبُتُ بِٱلدُّهۡنِ وَصِبۡغٖ لِّلۡأٓكِلِينَ

तथा वह वृक्ष भी जो 'तूर सैना' (पर्वत) से निकलता है, जो तेल लेकर उगता है तथा खाने वालों के लिए एक तरह का सालन भी।

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 20

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