कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

بَلۡ قَالُواْ مِثۡلَ مَا قَالَ ٱلۡأَوَّلُونَ

बल्कि उन्होंने वही बात कही, जो अगलों ने कही थी।

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 81

قَالُوٓاْ أَءِذَا مِتۡنَا وَكُنَّا تُرَابٗا وَعِظَٰمًا أَءِنَّا لَمَبۡعُوثُونَ

उन्होंने कहा : क्या जब हम मर जाएँगे और मिट्टी तथा हड्डियाँ हो जाएँगे, तो क्या सचमुच हम अवश्य उठाए जाने वाले हैं?

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 82

لَقَدۡ وُعِدۡنَا نَحۡنُ وَءَابَآؤُنَا هَٰذَا مِن قَبۡلُ إِنۡ هَٰذَآ إِلَّآ أَسَٰطِيرُ ٱلۡأَوَّلِينَ

निःसंदेह यही वादा हमसे और इससे पहले हमारे बाप-दादा से किया गया। यह तो पहले लोगों की कहानियों के सिवा कुछ नहीं।

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 83

قُل لِّمَنِ ٱلۡأَرۡضُ وَمَن فِيهَآ إِن كُنتُمۡ تَعۡلَمُونَ

(ऐ नबी!) उनसे कह दें : यह धरती और इसमें जो कोई भी है किसका है, यदि तुम जानते हो?

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 84

سَيَقُولُونَ لِلَّهِۚ قُلۡ أَفَلَا تَذَكَّرُونَ

वे कहेंगे : अल्लाह का है। आप कह दें : फिर क्या तुम शिक्षा ग्रहण नहीं करते?

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 85

قُلۡ مَن رَّبُّ ٱلسَّمَٰوَٰتِ ٱلسَّبۡعِ وَرَبُّ ٱلۡعَرۡشِ ٱلۡعَظِيمِ

आप पूछिए : सातों आकाशों का स्वामी तथा महान सिंहासन (अर्श) का स्वामी कौन है?

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 86

سَيَقُولُونَ لِلَّهِۚ قُلۡ أَفَلَا تَتَّقُونَ

वे कहेंगे : अल्लाह ही के लिए है। आप कह दें : फिर क्या तुम डरते नहीं?

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 87

قُلۡ مَنۢ بِيَدِهِۦ مَلَكُوتُ كُلِّ شَيۡءٖ وَهُوَ يُجِيرُ وَلَا يُجَارُ عَلَيۡهِ إِن كُنتُمۡ تَعۡلَمُونَ

आप उनसे कहिए : कौन है जिसके हाथ में हर चीज़ का अधिकार और वह शरण देता है और उसके मुक़ाबले में शरण नहीं दी जाती, यदि तुम जानते हो (तो बताओ)?

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 88

سَيَقُولُونَ لِلَّهِۚ قُلۡ فَأَنَّىٰ تُسۡحَرُونَ

वे बोल पड़ेंगे : अल्लाह के लिए है। आप कहिए : फिर तुम कहाँ से जादू[23] किए जाते हो?

तफ़्सीर:

23. अर्थात जब यह मानते हो कि सब अधिकार अल्लाह के हाथ में है और शरण भी वही देता है, तो फिर उसके साझी कहाँ से आ गए और उन्हें कहाँ से अधिकार मिल गया?

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 89

بَلۡ أَتَيۡنَٰهُم بِٱلۡحَقِّ وَإِنَّهُمۡ لَكَٰذِبُونَ

बल्कि हम उनके पास पूर्ण सत्य लाए हैं और निःसंदेह वे निश्चय झूठे हैं।

सूरह का नाम : Al-Muminun   सूरह नंबर : 23   आयत नंबर: 90

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