कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَٱلۡمُرۡسَلَٰتِ عُرۡفٗا

क़सम है उन हवाओं की जो निरंतर भेजी जाती हैं!

فَٱلۡعَٰصِفَٰتِ عَصۡفٗا

फिर बहुत तेज़ चलने वाली हवाओं की क़सम!

وَٱلنَّـٰشِرَٰتِ نَشۡرٗا

और बादलों को फैलाने वाली हवाओं[1] की क़सम!

فَٱلۡفَٰرِقَٰتِ فَرۡقٗا

फिर सत्य और असत्य के बीच अंतर करने वाली चीज़[2] के साथ उतरने वाले फ़रिश्तों की क़सम!

فَٱلۡمُلۡقِيَٰتِ ذِكۡرًا

फिर वह़्य[3] लेकर उतरने वाले फ़रिश्तों की क़सम!

عُذۡرًا أَوۡ نُذۡرًا

उज़्र (बहाना) समाप्त करने या डराने[4] के लिए।

إِنَّمَا تُوعَدُونَ لَوَٰقِعٞ

निःसंदेह तुमसे जिस चीज़ का वादा किया जाता है, निश्चय वह होकर रहने वाली है।

فَإِذَا ٱلنُّجُومُ طُمِسَتۡ

फिर जब तारे मिटा दिए जाएँगे।

وَإِذَا ٱلسَّمَآءُ فُرِجَتۡ

और जब आकाश फाड़ दिया जाएगा।

وَإِذَا ٱلۡجِبَالُ نُسِفَتۡ

और जब पर्वत उड़ा दिए जाएँगे।

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