कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَإِذَا ٱنقَلَبُوٓاْ إِلَىٰٓ أَهۡلِهِمُ ٱنقَلَبُواْ فَكِهِينَ

और जब अपने घर वालों की ओर लौटते, तो (मोमिनों के परिहास का) आनंद लेते हुए लौटते थे।

وَإِذَا رَأَوۡهُمۡ قَالُوٓاْ إِنَّ هَـٰٓؤُلَآءِ لَضَآلُّونَ

और जब वे उन (मोमिनों) को देखते, तो कहते थे : निःसंदेह ये लोग निश्चय भटके हुए हैं।

وَمَآ أُرۡسِلُواْ عَلَيۡهِمۡ حَٰفِظِينَ

हालाँकि वे उनपर निरीक्षक बनाकर नहीं भेजे गए थे।

فَٱلۡيَوۡمَ ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ مِنَ ٱلۡكُفَّارِ يَضۡحَكُونَ

तो आज वे लोग जो ईमान लाए, काफ़िरों पर हँस रहे हैं।

عَلَى ٱلۡأَرَآئِكِ يَنظُرُونَ

तख़्तों पर बैठे देख रहे हैं।

هَلۡ ثُوِّبَ ٱلۡكُفَّارُ مَا كَانُواْ يَفۡعَلُونَ

क्या काफ़िरों को उसका बदला मिल गया, जो वे किया करते थे?[4]

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