कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

فَتَنَادَوۡاْ مُصۡبِحِينَ

फिर उन्होंने भोर होते ही एक-दूसरे को पुकारा :

أَنِ ٱغۡدُواْ عَلَىٰ حَرۡثِكُمۡ إِن كُنتُمۡ صَٰرِمِينَ

कि अपने खेत पर सवेरे ही जा पहुँचो, यदि तुम फल तोड़ने वाले हो।

فَٱنطَلَقُواْ وَهُمۡ يَتَخَٰفَتُونَ

चुनाँचे वे आपस में चुपके-चुपके बातें करते हुए चल दिए।

أَن لَّا يَدۡخُلَنَّهَا ٱلۡيَوۡمَ عَلَيۡكُم مِّسۡكِينٞ

कि आज उस (बाग़) में तुम्हारे पास कोई निर्धन[6] हरगिज़ न आने पाए।

وَغَدَوۡاْ عَلَىٰ حَرۡدٖ قَٰدِرِينَ

और वे सुबह-सुबह (यह सोचकर) निकले कि वे (निर्धनों को) रोकने में सक्षम हैं।

فَلَمَّا رَأَوۡهَا قَالُوٓاْ إِنَّا لَضَآلُّونَ

फिर जब उन्होंने उसे देखा, तो कहा : निःसंदेह हम निश्चय रास्ता भूल गए हैं।

بَلۡ نَحۡنُ مَحۡرُومُونَ

बल्कि हम वंचित[7] कर दिए गए हैं।

قَالَ أَوۡسَطُهُمۡ أَلَمۡ أَقُل لَّكُمۡ لَوۡلَا تُسَبِّحُونَ

उनमें से बेहतर ने कहा : क्या मैंने तुमसे नहीं कहा था कि तुम (अल्लाह की) पवित्रता का वर्णन क्यों नहीं करते?

قَالُواْ سُبۡحَٰنَ رَبِّنَآ إِنَّا كُنَّا ظَٰلِمِينَ

उन्होंने कहा : हमारा रब पवित्र है। निःसंदेह हम ही अत्याचारी थे।

فَأَقۡبَلَ بَعۡضُهُمۡ عَلَىٰ بَعۡضٖ يَتَلَٰوَمُونَ

फिर वे आपस में एक दूसरे को दोष देने लगे।

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