कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

قَالُواْ يَٰوَيۡلَنَآ إِنَّا كُنَّا طَٰغِينَ

उन्होंने कहा : हाय हमारा विनाश! निश्चय हम ही सीमा का उल्लंघन करने वाले थे।

عَسَىٰ رَبُّنَآ أَن يُبۡدِلَنَا خَيۡرٗا مِّنۡهَآ إِنَّآ إِلَىٰ رَبِّنَا رَٰغِبُونَ

आशा है कि हमारा पालनहार हमें बदले में इस (बाग़) से बेहतर प्रदान करेगा। निश्चय हम अपने पालनहार ही की ओर इच्छा रखने वाले हैं।

كَذَٰلِكَ ٱلۡعَذَابُۖ وَلَعَذَابُ ٱلۡأٓخِرَةِ أَكۡبَرُۚ لَوۡ كَانُواْ يَعۡلَمُونَ

इसी तरह होती है यातना, और आख़िरत की यातना तो इससे भी बड़ी है। काश वे जानते होते!

إِنَّ لِلۡمُتَّقِينَ عِندَ رَبِّهِمۡ جَنَّـٰتِ ٱلنَّعِيمِ

निःसंदेह डरने वालों के लिए उनके पालनहार के पास नेमत के बाग़ हैं।

أَفَنَجۡعَلُ ٱلۡمُسۡلِمِينَ كَٱلۡمُجۡرِمِينَ

तो क्या हम आज्ञाकारियों[8] को अपराध करने वालों की तरह कर देंगे?

مَا لَكُمۡ كَيۡفَ تَحۡكُمُونَ

तुम्हें क्या हुआ, तुम कैसे फ़ैसले करते हो?

أَمۡ لَكُمۡ كِتَٰبٞ فِيهِ تَدۡرُسُونَ

क्या तुम्हारे पास कोई पुस्तक है, जिसमें तुम पढ़ते हो?

إِنَّ لَكُمۡ فِيهِ لَمَا تَخَيَّرُونَ

(कि) निश्चय तुम्हारे लिए आख़िरत में वही होगा, जो तुम पसंद करोगे?

أَمۡ لَكُمۡ أَيۡمَٰنٌ عَلَيۡنَا بَٰلِغَةٌ إِلَىٰ يَوۡمِ ٱلۡقِيَٰمَةِ إِنَّ لَكُمۡ لَمَا تَحۡكُمُونَ

या तुम्हारे लिए हमारे ऊपर क़समें हैं, जो क़ियामत के दिन तक बाक़ी रहने वाली हैं कि तुम्हारे लिए निश्चय वही होगा, जो तुम निर्णय करोगे?

سَلۡهُمۡ أَيُّهُم بِذَٰلِكَ زَعِيمٌ

आप उनसे पूछिए कि उनमें से कौन इसकी ज़मानत लेता है?

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