कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

ٱقۡتَرَبَتِ ٱلسَّاعَةُ وَٱنشَقَّ ٱلۡقَمَرُ

क़ियामत बहुत निकट आ गई[1] और चाँद फट गया।

وَإِن يَرَوۡاْ ءَايَةٗ يُعۡرِضُواْ وَيَقُولُواْ سِحۡرٞ مُّسۡتَمِرّٞ

और यदि वे कोई निशानी देखते हैं, तो मुँह फेर लेते हैं और कहते हैं कि (यह) एक जादू है जो समाप्त हो जाने वाला है।

وَكَذَّبُواْ وَٱتَّبَعُوٓاْ أَهۡوَآءَهُمۡۚ وَكُلُّ أَمۡرٖ مُّسۡتَقِرّٞ

उन्होंने झुठलाया और अपनी इच्छाओं का पालन किया और प्रत्येक कार्य का एक निश्चित समय है।

وَلَقَدۡ جَآءَهُم مِّنَ ٱلۡأَنۢبَآءِ مَا فِيهِ مُزۡدَجَرٌ

और निःसंदेह उनके पास ऐसी सूचनाएँ आ चुकी हैं, जिनमें डाँटडपट है।

حِكۡمَةُۢ بَٰلِغَةٞۖ فَمَا تُغۡنِ ٱلنُّذُرُ

पूर्णतया हिकमत है, फिर भी डरानेवाली चीज़ें काम नहीं आतीं।

فَتَوَلَّ عَنۡهُمۡۘ يَوۡمَ يَدۡعُ ٱلدَّاعِ إِلَىٰ شَيۡءٖ نُّكُرٍ

अतः आप उनसे मुँह फेर लें, जिस दिन पुकारने वाला एक अप्रिय चीज़[2] की ओर पुकारेगा।

خُشَّعًا أَبۡصَٰرُهُمۡ يَخۡرُجُونَ مِنَ ٱلۡأَجۡدَاثِ كَأَنَّهُمۡ جَرَادٞ مُّنتَشِرٞ

उनकी आँखें झुकी होंगी। वे कब्रों से ऐसे निकलेंगे, जैसे वे बिखरी हुई टिड्डियाँ हों।

مُّهۡطِعِينَ إِلَى ٱلدَّاعِۖ يَقُولُ ٱلۡكَٰفِرُونَ هَٰذَا يَوۡمٌ عَسِرٞ

वे बुलाने वाले की ओर तेज़ी से भाग रहे होंगे। काफ़िर कहेंगे : यह बड़ा कठिन दिन है।

۞كَذَّبَتۡ قَبۡلَهُمۡ قَوۡمُ نُوحٖ فَكَذَّبُواْ عَبۡدَنَا وَقَالُواْ مَجۡنُونٞ وَٱزۡدُجِرَ

इनसे पहले नूह़ की जाति ने झुठलाया। तो उन्होंने हमारे बंदे को झुठलाया और कहा कि वह पागल है और उसे झिड़क दिया गया।

فَدَعَا رَبَّهُۥٓ أَنِّي مَغۡلُوبٞ فَٱنتَصِرۡ

तो उसने अपने पालनहार को पुकारा कि निःसंदेह मैं विवश हूँ, अतः तू बदला ले।

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