कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

فَكَيۡفَ كَانَ عَذَابِي وَنُذُرِ

फिर कैसी थी मेरी यातना तथा मेरा डराना?

وَلَقَدۡ يَسَّرۡنَا ٱلۡقُرۡءَانَ لِلذِّكۡرِ فَهَلۡ مِن مُّدَّكِرٖ

और निःसंदेह हमने क़ुरआन को उपदेश ग्रहण करने के लिए आसान बना दिया, तो क्या है कोई उपदेश ग्रहण करने वाला?

كَذَّبَتۡ ثَمُودُ بِٱلنُّذُرِ

समूद[3] ने डराने वालों को झुठलाया।

فَقَالُوٓاْ أَبَشَرٗا مِّنَّا وَٰحِدٗا نَّتَّبِعُهُۥٓ إِنَّآ إِذٗا لَّفِي ضَلَٰلٖ وَسُعُرٍ

तो उन्होंने कहा : क्या हम अपने ही में से एक आदमी का अनुसरण करें? निश्चय ही हम उस समय बड़ी गुमराही और बावलेपन में होंगे।

أَءُلۡقِيَ ٱلذِّكۡرُ عَلَيۡهِ مِنۢ بَيۡنِنَا بَلۡ هُوَ كَذَّابٌ أَشِرٞ

क्या यह उपदेश हमारे बीच में से उसी पर उतारा गया है? बल्कि वह बड़ा झूठा है, अहंकारी है।

سَيَعۡلَمُونَ غَدٗا مَّنِ ٱلۡكَذَّابُ ٱلۡأَشِرُ

शीघ्र ही वे कल जान लेंगे कि बहुत झूठा, अहंकारी कौन है?

إِنَّا مُرۡسِلُواْ ٱلنَّاقَةِ فِتۡنَةٗ لَّهُمۡ فَٱرۡتَقِبۡهُمۡ وَٱصۡطَبِرۡ

निःसंदेह हम यह ऊँटनी उनकी परीक्षा के लिए भेजने वाले हैं। अतः उनकी प्रतीक्षा करो और ख़ूब धैर्य रखो।

وَنَبِّئۡهُمۡ أَنَّ ٱلۡمَآءَ قِسۡمَةُۢ بَيۡنَهُمۡۖ كُلُّ شِرۡبٖ مُّحۡتَضَرٞ

और उन्हें सूचित कर दो कि पानी उनके बीच बाँट दिया गया है। पीने की प्रत्येक बारी[4] पर उपस्थित हुआ जाएगा।

فَنَادَوۡاْ صَاحِبَهُمۡ فَتَعَاطَىٰ فَعَقَرَ

तो उन्होंने अपने साथी को पुकारा। सो उसने (उसे) पकड़ा और उसका वध कर दिया।

فَكَيۡفَ كَانَ عَذَابِي وَنُذُرِ

फिर कैसी थी मेरी यातना तथा मेरा डराना?

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