कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

كَلَّا لَا وَزَرَ

कदापि नहीं, शरण लेने का स्थान कोई नहीं।

إِلَىٰ رَبِّكَ يَوۡمَئِذٍ ٱلۡمُسۡتَقَرُّ

उस दिन तेरे पालनहार ही की ओर लौटकर जाना है।

يُنَبَّؤُاْ ٱلۡإِنسَٰنُ يَوۡمَئِذِۭ بِمَا قَدَّمَ وَأَخَّرَ

उस दिन इनसान को बताया जाएगा जो उसने आगे भेजा और जो पीछे छोड़ा।[5]

بَلِ ٱلۡإِنسَٰنُ عَلَىٰ نَفۡسِهِۦ بَصِيرَةٞ

बल्कि इनसान स्वयं अपने विरुद्ध गवाह[6] है।

وَلَوۡ أَلۡقَىٰ مَعَاذِيرَهُۥ

अगरचे वह अपने बहाने पेश करे।

لَا تُحَرِّكۡ بِهِۦ لِسَانَكَ لِتَعۡجَلَ بِهِۦٓ

(ऐ नबी!) आप इसके साथ अपनी ज़ुबान न हिलाएँ[7], ताकि इसे शीघ्र याद कर लें।

إِنَّ عَلَيۡنَا جَمۡعَهُۥ وَقُرۡءَانَهُۥ

निःसंदेह उसको एकत्र करना और (आपका) उसे पढ़ना हमारे ज़िम्मे है।

فَإِذَا قَرَأۡنَٰهُ فَٱتَّبِعۡ قُرۡءَانَهُۥ

अतः जब हम उसे पढ़ लें, तो आप उसके पठन का अनुसरण करें।

ثُمَّ إِنَّ عَلَيۡنَا بَيَانَهُۥ

फिर निःसंदेह उसे स्पषट करना हमारे ही ज़िम्मे है।

كَلَّا بَلۡ تُحِبُّونَ ٱلۡعَاجِلَةَ

कदापि नहीं[8], बल्कि तुम शीघ्र प्राप्त होने वाली चीज़ (संसार) से प्रेम करते हो।

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