कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَتَذَرُونَ ٱلۡأٓخِرَةَ

और बाद में आने वाली (आख़िरत) को छोड़ देते हो।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 21

وُجُوهٞ يَوۡمَئِذٖ نَّاضِرَةٌ

उस दिन कई चेहरे तरो-ताज़ा होंगे।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 22

إِلَىٰ رَبِّهَا نَاظِرَةٞ

अपने पालनहार की ओर देख रहे होंगे।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 23

وَوُجُوهٞ يَوۡمَئِذِۭ بَاسِرَةٞ

और कई चेहरे उस दिन बिगड़े हुए होंगे।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 24

تَظُنُّ أَن يُفۡعَلَ بِهَا فَاقِرَةٞ

उन्हें विश्वास होगा कि उनके साथ कमड़ तोड़ देने वाली सख्ती की जाएगी।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 25

كَلَّآ إِذَا بَلَغَتِ ٱلتَّرَاقِيَ

कदापि नहीं[9], जब प्राण हँसलियों तक पहुँच जाएगा।

तफ़्सीर:

9. अर्थात यह विचार सह़ीह़ नहीं कि मौत के पश्चात् सड़-गल जाएँगे और दोबारा जीवित नहीं किए जाएँगे। क्योंकि आत्मा रह जाती है, जो मौत के साथ ही अपने पालनहार की ओर चली जाती है।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 26

وَقِيلَ مَنۡۜ رَاقٖ

और कहा जाएगा : कौन है झाड़-फूँक करने वाला?

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 27

وَظَنَّ أَنَّهُ ٱلۡفِرَاقُ

और उसे विश्वास हो जाएगा कि यह (संसार से) जुदाई का समय है।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 28

وَٱلۡتَفَّتِ ٱلسَّاقُ بِٱلسَّاقِ

और पिंडली, पिंडली[10] के साथ लिपट जाएगी।

तफ़्सीर:

10. अर्थात मौत का समय आ जाएगा जो निरंतर दुःख का समय होगा। (इब्ने कसीर)

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 29

إِلَىٰ رَبِّكَ يَوۡمَئِذٍ ٱلۡمَسَاقُ

उस दिन तेरे पालनहार ही की ओर जाना है।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 30

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