कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

فَلَا صَدَّقَ وَلَا صَلَّىٰ

तो न उसने (सत्य को) माना और न नमाज़ पढ़ी।

وَلَٰكِن كَذَّبَ وَتَوَلَّىٰ

लेकिन उसने झुठलाया तथा मुँह फेरा।

ثُمَّ ذَهَبَ إِلَىٰٓ أَهۡلِهِۦ يَتَمَطَّىٰٓ

फिर अकड़ता हुआ अपने परिजनों की ओर गया।

أَوۡلَىٰ لَكَ فَأَوۡلَىٰ

तेरे लिए विनाश है, फिर तेरे लिए बर्बादी है।

ثُمَّ أَوۡلَىٰ لَكَ فَأَوۡلَىٰٓ

फिर तेरे लिए विनाश है, फिर तेरे लिए बर्बादी है।

أَيَحۡسَبُ ٱلۡإِنسَٰنُ أَن يُتۡرَكَ سُدًى

क्या इनसान समझता है कि उसे यूँ ही बेकार छोड़ दिया जायेगा?[11]

أَلَمۡ يَكُ نُطۡفَةٗ مِّن مَّنِيّٖ يُمۡنَىٰ

क्या वह वीर्य की एक बूंद नहीं था, जो (गर्भाशय में) गिराई जाती है?

ثُمَّ كَانَ عَلَقَةٗ فَخَلَقَ فَسَوَّىٰ

फिर वह जमे हुए रक्त का टुकड़ा हुआ, फिर अल्लाह ने पैदा किया और दुरुस्त बनाया।

فَجَعَلَ مِنۡهُ ٱلزَّوۡجَيۡنِ ٱلذَّكَرَ وَٱلۡأُنثَىٰٓ

फिर उसने उससे दो प्रकार : नर और मादा बनाए।

أَلَيۡسَ ذَٰلِكَ بِقَٰدِرٍ عَلَىٰٓ أَن يُحۡـِۧيَ ٱلۡمَوۡتَىٰ

क्या वह इसमें समर्थ नहीं कि मुर्दों को जीवित कर दे?

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