कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

فَلَا صَدَّقَ وَلَا صَلَّىٰ

तो न उसने (सत्य को) माना और न नमाज़ पढ़ी।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 31

وَلَٰكِن كَذَّبَ وَتَوَلَّىٰ

लेकिन उसने झुठलाया तथा मुँह फेरा।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 32

ثُمَّ ذَهَبَ إِلَىٰٓ أَهۡلِهِۦ يَتَمَطَّىٰٓ

फिर अकड़ता हुआ अपने परिजनों की ओर गया।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 33

أَوۡلَىٰ لَكَ فَأَوۡلَىٰ

तेरे लिए विनाश है, फिर तेरे लिए बर्बादी है।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 34

ثُمَّ أَوۡلَىٰ لَكَ فَأَوۡلَىٰٓ

फिर तेरे लिए विनाश है, फिर तेरे लिए बर्बादी है।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 35

أَيَحۡسَبُ ٱلۡإِنسَٰنُ أَن يُتۡرَكَ سُدًى

क्या इनसान समझता है कि उसे यूँ ही बेकार छोड़ दिया जायेगा?[11]

तफ़्सीर:

11. अर्थात न उसे किसी बात का आदेश दिया जाएगा और न रोका जाएगा और न उससे कर्मों का ह़िसाब लिया जाएगा।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 36

أَلَمۡ يَكُ نُطۡفَةٗ مِّن مَّنِيّٖ يُمۡنَىٰ

क्या वह वीर्य की एक बूंद नहीं था, जो (गर्भाशय में) गिराई जाती है?

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 37

ثُمَّ كَانَ عَلَقَةٗ فَخَلَقَ فَسَوَّىٰ

फिर वह जमे हुए रक्त का टुकड़ा हुआ, फिर अल्लाह ने पैदा किया और दुरुस्त बनाया।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 38

فَجَعَلَ مِنۡهُ ٱلزَّوۡجَيۡنِ ٱلذَّكَرَ وَٱلۡأُنثَىٰٓ

फिर उसने उससे दो प्रकार : नर और मादा बनाए।

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 39

أَلَيۡسَ ذَٰلِكَ بِقَٰدِرٍ عَلَىٰٓ أَن يُحۡـِۧيَ ٱلۡمَوۡتَىٰ

क्या वह इसमें समर्थ नहीं कि मुर्दों को जीवित कर दे?

सूरह का नाम : Al-Qiyamah   सूरह नंबर : 75   आयत नंबर: 40

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