कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَلَحۡمِ طَيۡرٖ مِّمَّا يَشۡتَهُونَ

तथा पक्षियों का मांस लेकर जिसकी वे इच्छा रखते हैं।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 21

وَحُورٌ عِينٞ

और बड़ी-बड़ी नैनों वाली गोरियाँ होंगी।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 22

كَأَمۡثَٰلِ ٱللُّؤۡلُوِٕ ٱلۡمَكۡنُونِ

छिपाकर रखे हुए मोतियों के समान।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 23

جَزَآءَۢ بِمَا كَانُواْ يَعۡمَلُونَ

उसके बदले में जो वे (संसार में) किया करते थे।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 24

لَا يَسۡمَعُونَ فِيهَا لَغۡوٗا وَلَا تَأۡثِيمًا

वे उस में न कोई व्यर्थ बात सुनेंगे और न पाप की बात।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 25

إِلَّا قِيلٗا سَلَٰمٗا سَلَٰمٗا

केवल सलाम ही सलाम की आवाज़ होगी।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 26

وَأَصۡحَٰبُ ٱلۡيَمِينِ مَآ أَصۡحَٰبُ ٱلۡيَمِينِ

और दाहिने हाथ वाले, क्या ही अच्छे हैं दाहिने हाथ वाले!

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 27

فِي سِدۡرٖ مَّخۡضُودٖ

वे बिना कँटीले बेरियों में होंगे।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 28

وَطَلۡحٖ مَّنضُودٖ

तथा परत-दर-परत लगे हुए केलों में।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 29

وَظِلّٖ مَّمۡدُودٖ

और ऐसी छाया में जो अच्छी तरह फैली हुई है।[4]

तफ़्सीर:

4. ह़दीस में है कि स्वर्ग में एक वृक्ष है जिसकी छाया में सवार सौ वर्ष चलेगा फिर भी वह समाप्त नहीं होगी। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4881)

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 30

नूजलेटर के लिए साइन अप करें