कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَمَآءٖ مَّسۡكُوبٖ

और प्रवाहित जल में।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 31

وَفَٰكِهَةٖ كَثِيرَةٖ

तथा बहुत अधिक फलों में।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 32

لَّا مَقۡطُوعَةٖ وَلَا مَمۡنُوعَةٖ

जो न कभी समाप्त होंगे और न उनसे कोई रोक-टोक होगी।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 33

وَفُرُشٖ مَّرۡفُوعَةٍ

और ऊँचे बिस्तरों पर होंगे।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 34

إِنَّآ أَنشَأۡنَٰهُنَّ إِنشَآءٗ

निःसंदेह हमने उनको एक विशेष रूप से पैदा किया है।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 35

فَجَعَلۡنَٰهُنَّ أَبۡكَارًا

तो हमने उन्हें कुँवारियाँ बनाया है।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 36

عُرُبًا أَتۡرَابٗا

जो पतियों को प्रिय और समान आयु वाली हैं।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 37

لِّأَصۡحَٰبِ ٱلۡيَمِينِ

दाहिने हाथ वालों के लिए।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 38

ثُلَّةٞ مِّنَ ٱلۡأَوَّلِينَ

एक बड़ा समूह पहले लोगों में से हैं।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 39

وَثُلَّةٞ مِّنَ ٱلۡأٓخِرِينَ

तथा एक बड़ा समूह पिछले लोगों में से हैं।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 40

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