कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَأَصۡحَٰبُ ٱلشِّمَالِ مَآ أَصۡحَٰبُ ٱلشِّمَالِ

और बाएँ हाथ वाले, क्या ही बुरे हैं बाएँ हाथ वाले!

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 41

فِي سَمُومٖ وَحَمِيمٖ

(वे) गर्म हवा तथा खौलते जल में होंगे।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 42

وَظِلّٖ مِّن يَحۡمُومٖ

और काले धुएँ के साये में होंगे।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 43

لَّا بَارِدٖ وَلَا كَرِيمٍ

जो न शीतल होगा और न देखने में अच्छी ही लगेगा।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 44

إِنَّهُمۡ كَانُواْ قَبۡلَ ذَٰلِكَ مُتۡرَفِينَ

निश्चय वे इससे पहले (दुनिया की) सुख-सुविधाओं का आनंद ले रहे थे।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 45

وَكَانُواْ يُصِرُّونَ عَلَى ٱلۡحِنثِ ٱلۡعَظِيمِ

तथा वे बड़े गुनाह पर अड़े रहते थे।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 46

وَكَانُواْ يَقُولُونَ أَئِذَا مِتۡنَا وَكُنَّا تُرَابٗا وَعِظَٰمًا أَءِنَّا لَمَبۡعُوثُونَ

और वे कहा करते थे कि क्या जब हम मर जाएँगे और हम मिट्टी तथा हड्डियाँ हो जाएँगे, तो क्या सचमुच हम अवश्य उठाए जाने वाले हैं?

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 47

أَوَءَابَآؤُنَا ٱلۡأَوَّلُونَ

और क्या हमारे पहले बाप-दादा भी?

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 48

قُلۡ إِنَّ ٱلۡأَوَّلِينَ وَٱلۡأٓخِرِينَ

आप कह दें : निःसंदेह अगले तथा पिछले (सभी) लोग।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 49

لَمَجۡمُوعُونَ إِلَىٰ مِيقَٰتِ يَوۡمٖ مَّعۡلُومٖ

एक ज्ञात दिन के निश्चित समय पर अवश्य एकत्र किए जाने वाले हैं।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 50

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