कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

عَلَىٰٓ أَن نُّبَدِّلَ أَمۡثَٰلَكُمۡ وَنُنشِئَكُمۡ فِي مَا لَا تَعۡلَمُونَ

कि हम तुम्हारे रूप को परिवर्तित कर दें और तुम्हें ऐसी शक्ल-सूरत में पैदा कर दें, जिसे तुम नहीं जानते।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 61

وَلَقَدۡ عَلِمۡتُمُ ٱلنَّشۡأَةَ ٱلۡأُولَىٰ فَلَوۡلَا تَذَكَّرُونَ

तथा निश्चय ही तुम पहली पैदाइश को जान चुके हो, फिर तुम नसीहत ग्रहण क्यों नहीं करते?

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 62

أَفَرَءَيۡتُم مَّا تَحۡرُثُونَ

फिर क्या तुमने उसपर विचार किया जो कुछ तुम बोते हो?

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 63

ءَأَنتُمۡ تَزۡرَعُونَهُۥٓ أَمۡ نَحۡنُ ٱلزَّـٰرِعُونَ

क्या तुम उसे उगाते हो, या हम ही उगाने वाले हैं?

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 64

لَوۡ نَشَآءُ لَجَعَلۡنَٰهُ حُطَٰمٗا فَظَلۡتُمۡ تَفَكَّهُونَ

यदि हम चाहें, तो अवश्य उसे चूर-चूर कर दें, फिर तुम आश्चर्य करते रह जाओ।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 65

إِنَّا لَمُغۡرَمُونَ

कि निःसंदेह हमपर दाँड डाल दिया गया।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 66

بَلۡ نَحۡنُ مَحۡرُومُونَ

बल्कि हम वंचित हो गए हैं।

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 67

أَفَرَءَيۡتُمُ ٱلۡمَآءَ ٱلَّذِي تَشۡرَبُونَ

फिर क्या तुमने उस पानी पर विचार किया, जो तुम पीते हो?

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 68

ءَأَنتُمۡ أَنزَلۡتُمُوهُ مِنَ ٱلۡمُزۡنِ أَمۡ نَحۡنُ ٱلۡمُنزِلُونَ

क्या तुमने उसे बादल से उतारा है, या हम ही उतारने वाले हैं?

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 69

لَوۡ نَشَآءُ جَعَلۡنَٰهُ أُجَاجٗا فَلَوۡلَا تَشۡكُرُونَ

यदि हम चाहें, तो उसे अत्यंत खारा बना दें, फिर तुम शुक्र अदा क्यों नहीं करते?

सूरह का नाम : Al-Waqiah   सूरह नंबर : 56   आयत नंबर: 70

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