कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَجَعَلۡنَا ٱلنَّهَارَ مَعَاشٗا

और हमने दिन को कमाने के लिए बनाया।

وَبَنَيۡنَا فَوۡقَكُمۡ سَبۡعٗا شِدَادٗا

तथा हमने तुम्हारे ऊपर सात मज़बूत (आकाश) बनाए।

وَجَعَلۡنَا سِرَاجٗا وَهَّاجٗا

और हमने एक प्रकाशमान् तप्त दीप (सूर्य) बनाया।

وَأَنزَلۡنَا مِنَ ٱلۡمُعۡصِرَٰتِ مَآءٗ ثَجَّاجٗا

और हमने बदलियों से मूसलाधार पानी उतारा।

لِّنُخۡرِجَ بِهِۦ حَبّٗا وَنَبَاتٗا

ताकि हम उसके द्वारा अन्न और वनस्पति उगाएँ।

وَجَنَّـٰتٍ أَلۡفَافًا

और घने-घने बाग़।[2]

إِنَّ يَوۡمَ ٱلۡفَصۡلِ كَانَ مِيقَٰتٗا

निःसंदेह निर्णय (फ़ैसले) का दिन एक नियत समय है।

يَوۡمَ يُنفَخُ فِي ٱلصُّورِ فَتَأۡتُونَ أَفۡوَاجٗا

जिस दिन सूर में फूँक मारी जाएगी, तो तुम दल के दल चले आओगे।

وَفُتِحَتِ ٱلسَّمَآءُ فَكَانَتۡ أَبۡوَٰبٗا

और आकाश खोल दिया जाएगा, तो उसमें द्वार ही द्वार हो जाएँगे।

وَسُيِّرَتِ ٱلۡجِبَالُ فَكَانَتۡ سَرَابًا

और पर्वत चलाए जाएँगे, तो वे मरीचिका बन जाएँगे।[3]

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