कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

إِنَّ جَهَنَّمَ كَانَتۡ مِرۡصَادٗا

निःसंदेह जहन्नम घात में है।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 21

لِّلطَّـٰغِينَ مَـَٔابٗا

सरकशों का ठिकाना है।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 22

لَّـٰبِثِينَ فِيهَآ أَحۡقَابٗا

जिसमें वे अनगिनत वर्षों तक रहेंगे।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 23

لَّا يَذُوقُونَ فِيهَا بَرۡدٗا وَلَا شَرَابًا

वे उसमें न कोई ठंड चखेंगे और न पीने की चीज़।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 24

إِلَّا حَمِيمٗا وَغَسَّاقٗا

सिवाय अत्यंत गर्म पानी और बहती पीप के।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 25

جَزَآءٗ وِفَاقًا

यह पूरा-पूरा बदला है।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 26

إِنَّهُمۡ كَانُواْ لَا يَرۡجُونَ حِسَابٗا

निःसंदेह वे हिसाब से नहीं डरते थे।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 27

وَكَذَّبُواْ بِـَٔايَٰتِنَا كِذَّابٗا

तथा उन्होंने हमारी आयतों को बुरी तरह झुठलाया।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 28

وَكُلَّ شَيۡءٍ أَحۡصَيۡنَٰهُ كِتَٰبٗا

और हमने हर चीज़ को लिखकर संरक्षित कर रखा है।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 29

فَذُوقُواْ فَلَن نَّزِيدَكُمۡ إِلَّا عَذَابًا

तो चखो, हम तुम्हारे लिए यातना ही अधिक करते रहेंगे।[4]

तफ़्सीर:

4. (21-30) इन आयतों में बताया गया है कि जो ह़िसाब की आशा नहीं रखते और हमारी आयतों को नहीं मानते हमने उनकी एक-एक करतूत को गिनकर अपने यहाँ लिख रखा है। और उनकी ख़बर लेने के लिए नरक घात लगाए तैयार है, जहाँ उनके कुकर्मों का भरपूर बदला दिया जाएगा।

सूरह का नाम : An-Naba   सूरह नंबर : 78   आयत नंबर: 30

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