أَتَىٰٓ أَمۡرُ ٱللَّهِ فَلَا تَسۡتَعۡجِلُوهُۚ سُبۡحَٰنَهُۥ وَتَعَٰلَىٰ عَمَّا يُشۡرِكُونَ
अल्लाह का आदेश आ गया। अतः (ऐ काफ़िरो!) उसके जल्द आने की माँग न करो। वह (अल्लाह) पवित्र है और सर्वोच्च है उससे जो वे शरीक ठहराते हैं।
सूरह का नाम : An-Nahl सूरह नंबर : 16 आयत नंबर: 1
يُنَزِّلُ ٱلۡمَلَـٰٓئِكَةَ بِٱلرُّوحِ مِنۡ أَمۡرِهِۦ عَلَىٰ مَن يَشَآءُ مِنۡ عِبَادِهِۦٓ أَنۡ أَنذِرُوٓاْ أَنَّهُۥ لَآ إِلَٰهَ إِلَّآ أَنَا۠ فَٱتَّقُونِ
वह फ़रिश्तों को वह़्य के साथ, अपने आदेश से, अपने बंदों में से जिस पर चाहता है, उतारता है कि (लोगों को) सावधान कर दो कि मेरे सिवा कोई (सत्य) पूज्य नहीं, अतः मुझ ही से डरो।
सूरह का नाम : An-Nahl सूरह नंबर : 16 आयत नंबर: 2
خَلَقَ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضَ بِٱلۡحَقِّۚ تَعَٰلَىٰ عَمَّا يُشۡرِكُونَ
उसने आकाशों तथा धरती को सत्य के साथ पैदा किया। वह उससे बहुत ऊँचा है, जो वे शरीक बनाते हैं।
सूरह का नाम : An-Nahl सूरह नंबर : 16 आयत नंबर: 3
خَلَقَ ٱلۡإِنسَٰنَ مِن نُّطۡفَةٖ فَإِذَا هُوَ خَصِيمٞ مُّبِينٞ
उसने मनुष्य को एक बूँद वीर्य से पैदा किया। फिर अकस्मात् वह खुला झगड़ालू बन गया।
सूरह का नाम : An-Nahl सूरह नंबर : 16 आयत नंबर: 4
وَٱلۡأَنۡعَٰمَ خَلَقَهَاۖ لَكُمۡ فِيهَا دِفۡءٞ وَمَنَٰفِعُ وَمِنۡهَا تَأۡكُلُونَ
तथा उसने चौपायों को पैदा किया, जिनमें तुम्हारे लिए गर्मी प्राप्त करने का सामान[1] और बहुत-से लाभ हैं और उन्हीं में से तुम खाते हो।
तफ़्सीर:
1. अर्थात उनकी ऊन तथा खाल से गर्म वस्त्र बनाते हो।
सूरह का नाम : An-Nahl सूरह नंबर : 16 आयत नंबर: 5
وَلَكُمۡ فِيهَا جَمَالٌ حِينَ تُرِيحُونَ وَحِينَ تَسۡرَحُونَ
तथा उनमें तुम्हारे लिए एक सौंदर्य है, जब तुम शाम को चराकर लाते हो और जब सुबह चराने को ले जाते हो।
सूरह का नाम : An-Nahl सूरह नंबर : 16 आयत नंबर: 6
وَتَحۡمِلُ أَثۡقَالَكُمۡ إِلَىٰ بَلَدٖ لَّمۡ تَكُونُواْ بَٰلِغِيهِ إِلَّا بِشِقِّ ٱلۡأَنفُسِۚ إِنَّ رَبَّكُمۡ لَرَءُوفٞ رَّحِيمٞ
और वे तुम्हारे बोझ, उस नगर तक लादकर ले जाते हैं, जहाँ तक तुम बिना कठोर परिश्रम के कभी पहुँचने वाले न थे। निःसंदेह तुम्हारा पालनहार अति करुणामय, अत्यंत दयावान् है।
सूरह का नाम : An-Nahl सूरह नंबर : 16 आयत नंबर: 7
وَٱلۡخَيۡلَ وَٱلۡبِغَالَ وَٱلۡحَمِيرَ لِتَرۡكَبُوهَا وَزِينَةٗۚ وَيَخۡلُقُ مَا لَا تَعۡلَمُونَ
तथा घोड़े, खच्चर और गधे पैदा किए, ताकि तुम उनपर सवार हो और शोभा के लिए। तथा वह (अल्लाह) ऐसी चीज़ें पैदा करता है, जो तुम नहीं जानते।[2]
तफ़्सीर:
2. अर्थात सवारी के साधन इत्यादि। और आज हम उनमें से बहुत सी चीज़ों को अपनी आँखों से देख रहे हैं, जिनकी ओर अल्लाह ने आज से चौदह सौ वर्ष पहले इस आयत के अंदर संकेत किया था, जैसे कार, रेल और विमान आदि।
सूरह का नाम : An-Nahl सूरह नंबर : 16 आयत नंबर: 8
وَعَلَى ٱللَّهِ قَصۡدُ ٱلسَّبِيلِ وَمِنۡهَا جَآئِرٞۚ وَلَوۡ شَآءَ لَهَدَىٰكُمۡ أَجۡمَعِينَ
और अल्लाह ही के ज़िम्मे, सीधी राह बताना है। और उन (रास्तों) में से कुछ (रास्ते) टेढ़े[3] हैं। तथा यदि अल्लाह चाहता, तो तुम सभी को सीधी राह दिखा देता।
तफ़्सीर:
3. अर्थात जो इस्लाम के विरुद्ध हैं।
सूरह का नाम : An-Nahl सूरह नंबर : 16 आयत नंबर: 9
هُوَ ٱلَّذِيٓ أَنزَلَ مِنَ ٱلسَّمَآءِ مَآءٗۖ لَّكُم مِّنۡهُ شَرَابٞ وَمِنۡهُ شَجَرٞ فِيهِ تُسِيمُونَ
वही है, जिसने आकाश से कुछ पानी उतारा, जिसमें से तुम पीते हो तथा उसी से पेड़-पौधे उगते हैं, जिनमें तुम (पशुओं को) चराते हो।
सूरह का नाम : An-Nahl सूरह नंबर : 16 आयत नंबर: 10