कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

مَا كَذَبَ ٱلۡفُؤَادُ مَا رَأَىٰٓ

दिल ने झूठ नहीं बोला, जो कुछ उसने देखा।

أَفَتُمَٰرُونَهُۥ عَلَىٰ مَا يَرَىٰ

फिर क्या तुम उससे उसपर झगड़ते हो, जो वह देखता है?

وَلَقَدۡ رَءَاهُ نَزۡلَةً أُخۡرَىٰ

हालाँकि, निश्चित रूप से उसने उसे एक और बार उतरते हुए भी देखा है।

عِندَ سِدۡرَةِ ٱلۡمُنتَهَىٰ

सिदरतुल-मुनतहा'[3] के पास।

عِندَهَا جَنَّةُ ٱلۡمَأۡوَىٰٓ

उसी के पास 'जन्नतुल मावा' (शाश्वत स्वर्ग) है।

إِذۡ يَغۡشَى ٱلسِّدۡرَةَ مَا يَغۡشَىٰ

जब सिदरा पर छा रहा था, जो कुछ छा रहा था।[4]

مَا زَاغَ ٱلۡبَصَرُ وَمَا طَغَىٰ

न निगाह इधर-उधर हुई और न सीमा से आगे बढ़ी।

لَقَدۡ رَأَىٰ مِنۡ ءَايَٰتِ رَبِّهِ ٱلۡكُبۡرَىٰٓ

निःसंदेह उसने अपने पालनहार की कुछ बहुत बड़ी निशानियाँ[5] देखीं।

أَفَرَءَيۡتُمُ ٱللَّـٰتَ وَٱلۡعُزَّىٰ

फिर क्या तुमने लात और उज़्ज़ा को देखा।

وَمَنَوٰةَ ٱلثَّالِثَةَ ٱلۡأُخۡرَىٰٓ

तथा तीसरी एक और (मूर्ति) मनात को?[6]

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