कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَٱلنَّـٰزِعَٰتِ غَرۡقٗا

क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो डूबकर सख़्ती से (प्राण) खींचने वाले हैं!

وَٱلنَّـٰشِطَٰتِ نَشۡطٗا

और क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो आसानी से (प्राण) निकालने वाले हैं!

وَٱلسَّـٰبِحَٰتِ سَبۡحٗا

और क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो तेज़ी से तैरने वाले हैं!

فَٱلسَّـٰبِقَٰتِ سَبۡقٗا

फिर क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो दौड़कर आगे बढ़ने वाले हैं!

فَٱلۡمُدَبِّرَٰتِ أَمۡرٗا

फिर क़सम है उन फ़रिश्तों की, जो आदेश को क्रियान्वित करने वाले हैं![1]

يَوۡمَ تَرۡجُفُ ٱلرَّاجِفَةُ

जिस दिन काँपने वाली (अर्थात् धरती) काँप उठेगी।

تَتۡبَعُهَا ٱلرَّادِفَةُ

उसके पीछे आएगी पीछे आने वाली।

قُلُوبٞ يَوۡمَئِذٖ وَاجِفَةٌ

उस दिन कई दिल धड़कने वाले होंगे।

أَبۡصَٰرُهَا خَٰشِعَةٞ

उनकी आँखें झुकी हुई होंगी।

يَقُولُونَ أَءِنَّا لَمَرۡدُودُونَ فِي ٱلۡحَافِرَةِ

वे कहते हैं : क्या हम निश्चय पहली स्थिति में लौटाए जाने वाले हैं?

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