कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

أَءِذَا كُنَّا عِظَٰمٗا نَّخِرَةٗ

क्या जब हम सड़ी-गली हड्डियाँ हो जाएँगे?

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 11

قَالُواْ تِلۡكَ إِذٗا كَرَّةٌ خَاسِرَةٞ

उन्होंने कहा : यह तो उस समय घाटे वाला लौटना होगा।

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 12

فَإِنَّمَا هِيَ زَجۡرَةٞ وَٰحِدَةٞ

वह तो केवल एक डाँट होगी।

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 13

فَإِذَا هُم بِٱلسَّاهِرَةِ

फिर एकाएक वे (जीवित होकर) धरती के ऊपर होंगे।

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 14

هَلۡ أَتَىٰكَ حَدِيثُ مُوسَىٰٓ

(ऐ नबी!) क्या आपके पास मूसा की बात पहुँची है?[2]

तफ़्सीर:

2. (6-15) इन आयतों में प्रलय दिवस का चित्र पेश किया गया है। और काफ़िरों की स्थिति बताई गई है कि वे उस दिन किस प्रकार अपने आपको एक खुले मैदान में पाएँगे।

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 15

إِذۡ نَادَىٰهُ رَبُّهُۥ بِٱلۡوَادِ ٱلۡمُقَدَّسِ طُوًى

जब उसके पालनहार ने उसे पवित्र घाटी 'तुवा' में पुकारा।

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 16

ٱذۡهَبۡ إِلَىٰ فِرۡعَوۡنَ إِنَّهُۥ طَغَىٰ

फ़िरऔन के पास जाओ, निश्चय वह हद से बढ़ गया है।

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 17

فَقُلۡ هَل لَّكَ إِلَىٰٓ أَن تَزَكَّىٰ

फिर उससे कहो : क्या तुझे इस बात की इच्छा है कि तू पवित्र हो जाए?

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 18

وَأَهۡدِيَكَ إِلَىٰ رَبِّكَ فَتَخۡشَىٰ

और मैं तेरे पालनहार की ओर तेरा मार्गदर्शन करूँ, तो तू डर जाए?

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 19

فَأَرَىٰهُ ٱلۡأٓيَةَ ٱلۡكُبۡرَىٰ

फिर उसे सबसे बड़ी निशानी (चमत्कार) दिखाई।

सूरह का नाम : An-Naziat   सूरह नंबर : 79   आयत नंबर: 20

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