कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

يَـٰٓأَهۡلَ ٱلۡكِتَٰبِ لَا تَغۡلُواْ فِي دِينِكُمۡ وَلَا تَقُولُواْ عَلَى ٱللَّهِ إِلَّا ٱلۡحَقَّۚ إِنَّمَا ٱلۡمَسِيحُ عِيسَى ٱبۡنُ مَرۡيَمَ رَسُولُ ٱللَّهِ وَكَلِمَتُهُۥٓ أَلۡقَىٰهَآ إِلَىٰ مَرۡيَمَ وَرُوحٞ مِّنۡهُۖ فَـَٔامِنُواْ بِٱللَّهِ وَرُسُلِهِۦۖ وَلَا تَقُولُواْ ثَلَٰثَةٌۚ ٱنتَهُواْ خَيۡرٗا لَّكُمۡۚ إِنَّمَا ٱللَّهُ إِلَٰهٞ وَٰحِدٞۖ سُبۡحَٰنَهُۥٓ أَن يَكُونَ لَهُۥ وَلَدٞۘ لَّهُۥ مَا فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَمَا فِي ٱلۡأَرۡضِۗ وَكَفَىٰ بِٱللَّهِ وَكِيلٗا

ऐ किताब वालो! अपने धर्म में हद से आगे[104] न बढ़ो और अल्लाह के बारे में सत्य के सिवा कुछ न कहो। मरयम का पुत्र ईसा मसीह केवल अल्लाह का रसूल और उसका 'शब्द' है, जिसे (अल्लाह ने) मरयम की ओर भेजा तथा उसकी ओर से एक आत्मा[105] है। अतः अल्लाह और उसके रसूलों पर ईमान लाओ और यह न कहो कि (पूज्य) तीन हैं। बाज़ आ जाओ! तुम्हारे लिए बेहतर होगा। अल्लाह केवल एक ही पूज्य है। वह इससे पवित्र है कि उसकी कोई संतान हो। उसी का है जो कुछ आकाशों में हैं और जो कुछ धरती में है और अल्लाह कार्यसाधक[106] के रूप में काफ़ी है।

لَّن يَسۡتَنكِفَ ٱلۡمَسِيحُ أَن يَكُونَ عَبۡدٗا لِّلَّهِ وَلَا ٱلۡمَلَـٰٓئِكَةُ ٱلۡمُقَرَّبُونَۚ وَمَن يَسۡتَنكِفۡ عَنۡ عِبَادَتِهِۦ وَيَسۡتَكۡبِرۡ فَسَيَحۡشُرُهُمۡ إِلَيۡهِ جَمِيعٗا

मसीह़ हरगिज़ इससे तिरस्कार महसूस नहीं करेगा कि वह अल्लाह का बंदा हो और न निकटवर्ती फ़रिश्ते ही, और जो भी उसकी बंदगी से तिरस्कार महसूस करे और अभिमान करे, तो वह (अल्लाह) उन सभी को अपने पास एकत्र करेगा।

فَأَمَّا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ وَعَمِلُواْ ٱلصَّـٰلِحَٰتِ فَيُوَفِّيهِمۡ أُجُورَهُمۡ وَيَزِيدُهُم مِّن فَضۡلِهِۦۖ وَأَمَّا ٱلَّذِينَ ٱسۡتَنكَفُواْ وَٱسۡتَكۡبَرُواْ فَيُعَذِّبُهُمۡ عَذَابًا أَلِيمٗا وَلَا يَجِدُونَ لَهُم مِّن دُونِ ٱللَّهِ وَلِيّٗا وَلَا نَصِيرٗا

फिर जो लोग ईमान लाए और उन्होंने अच्छे कर्म किए, तो वह उन्हें उनका भरपूर बदला देगा और उन्हें अपने अनुग्रह से अधिक[107] भी देगा। रहे वे लोग जिन्होंने (अल्लाह की इबादत को) तिरस्कार समझा और अभिमान किया, तो वह उन्हें दर्दनाक यातना देगा। तथा वे अपने लिए अल्लाह के सिवा न कोई मित्र पाएँगे और न कोई सहायक।

يَـٰٓأَيُّهَا ٱلنَّاسُ قَدۡ جَآءَكُم بُرۡهَٰنٞ مِّن رَّبِّكُمۡ وَأَنزَلۡنَآ إِلَيۡكُمۡ نُورٗا مُّبِينٗا

ऐ लोगो! तुम्हारे पास तुम्हारे पालनहार की ओर से एक स्पष्ट प्रमाण[108] आया है और हमने तुम्हारी ओर एक स्पष्ट प्रकाश[109] उतारा है।

فَأَمَّا ٱلَّذِينَ ءَامَنُواْ بِٱللَّهِ وَٱعۡتَصَمُواْ بِهِۦ فَسَيُدۡخِلُهُمۡ فِي رَحۡمَةٖ مِّنۡهُ وَفَضۡلٖ وَيَهۡدِيهِمۡ إِلَيۡهِ صِرَٰطٗا مُّسۡتَقِيمٗا

फिर जो लोग अल्लाह पर ईमान लाए तथा इस (क़ुरआन) को मज़बूती से थाम लिया, तो वह उन्हें अपनी विशेष दया तथा अनुग्रह में दाख़िल करेगा और उन्हें अपनी ओर सीधी राह दिखाएगा।

يَسۡتَفۡتُونَكَ قُلِ ٱللَّهُ يُفۡتِيكُمۡ فِي ٱلۡكَلَٰلَةِۚ إِنِ ٱمۡرُؤٌاْ هَلَكَ لَيۡسَ لَهُۥ وَلَدٞ وَلَهُۥٓ أُخۡتٞ فَلَهَا نِصۡفُ مَا تَرَكَۚ وَهُوَ يَرِثُهَآ إِن لَّمۡ يَكُن لَّهَا وَلَدٞۚ فَإِن كَانَتَا ٱثۡنَتَيۡنِ فَلَهُمَا ٱلثُّلُثَانِ مِمَّا تَرَكَۚ وَإِن كَانُوٓاْ إِخۡوَةٗ رِّجَالٗا وَنِسَآءٗ فَلِلذَّكَرِ مِثۡلُ حَظِّ ٱلۡأُنثَيَيۡنِۗ يُبَيِّنُ ٱللَّهُ لَكُمۡ أَن تَضِلُّواْۗ وَٱللَّهُ بِكُلِّ شَيۡءٍ عَلِيمُۢ

(ऐ नबी!) वे आपसे फतवा (शरई आदेश) पूछते हैं। आप कह दें : अल्लाह तुम्हें 'कलाला'[110] के विषय में फतवा देता है। यदि कोई व्यक्ति मर जाए, जिसकी कोई संतान न हो, और उसकी एक बहन हो, तो उसके लिए उस (धन) का आधा है जो उसने छोड़ा और वह (स्वयं) उस (बहन) का वारिस होगा, यदि उस (बहन) की कोई संतान न हो। फिर यदि वे दो (बहनें) हों, तो उनके लिए उसमें से दो तिहाई होगा जो उसने छोड़ा। और यदि वे कई भाई-बहन पुरुष और महिलाएँ हों, तो पुरुष के लिए दो महिलाओं के हिस्से के बराबर होगा। अल्लाह तुम्हारे लिए खोलकर बयान करता है कि तुम गुमराह न हो जाओ। तथा अल्लाह हर चीज़ को ख़ूब जानने वाला है।

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