कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 21

يَخۡرُجُ مِنۡهُمَا ٱللُّؤۡلُؤُ وَٱلۡمَرۡجَانُ

उन दोनों से मोती और मूँगा निकलते हैं।

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 22

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 23

وَلَهُ ٱلۡجَوَارِ ٱلۡمُنشَـَٔاتُ فِي ٱلۡبَحۡرِ كَٱلۡأَعۡلَٰمِ

तथा उसी के अधिकार में हैं समुद्र में चलने वाले पहाड़ों जैसे जहाज़।

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 24

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 25

كُلُّ مَنۡ عَلَيۡهَا فَانٖ

हर कोई जो इस (धरती) पर है, नष्ट होने वाला है।

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 26

وَيَبۡقَىٰ وَجۡهُ رَبِّكَ ذُو ٱلۡجَلَٰلِ وَٱلۡإِكۡرَامِ

तथा आपके पालनहार का चेहरा बाक़ी रहेगा, जो बड़ी महिमा और सम्मान वाला है।

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 27

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 28

يَسۡـَٔلُهُۥ مَن فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِۚ كُلَّ يَوۡمٍ هُوَ فِي شَأۡنٖ

उसी से माँगता है, जो कोई आकाशों तथा धरती में है। वह प्रतिदिन एक (नए) कार्य में है।[3]

तफ़्सीर:

3. अर्थात वह अपनी उत्पत्ति की आवश्यकताएँ पूरी करता, प्रार्थनाएँ सुनता, सहायता करता, रोगी को निरोग करता, अपनी दया प्रदान करता, तथा अपमान-सम्मान और विजय-प्राजय देता और अनगिनत कार्य करता है।

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 29

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 30

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