कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

يَخۡرُجُ مِنۡهُمَا ٱللُّؤۡلُؤُ وَٱلۡمَرۡجَانُ

उन दोनों से मोती और मूँगा निकलते हैं।

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

وَلَهُ ٱلۡجَوَارِ ٱلۡمُنشَـَٔاتُ فِي ٱلۡبَحۡرِ كَٱلۡأَعۡلَٰمِ

तथा उसी के अधिकार में हैं समुद्र में चलने वाले पहाड़ों जैसे जहाज़।

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

كُلُّ مَنۡ عَلَيۡهَا فَانٖ

हर कोई जो इस (धरती) पर है, नष्ट होने वाला है।

وَيَبۡقَىٰ وَجۡهُ رَبِّكَ ذُو ٱلۡجَلَٰلِ وَٱلۡإِكۡرَامِ

तथा आपके पालनहार का चेहरा बाक़ी रहेगा, जो बड़ी महिमा और सम्मान वाला है।

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

يَسۡـَٔلُهُۥ مَن فِي ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِۚ كُلَّ يَوۡمٍ هُوَ فِي شَأۡنٖ

उसी से माँगता है, जो कोई आकाशों तथा धरती में है। वह प्रतिदिन एक (नए) कार्य में है।[3]

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

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