कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

سَنَفۡرُغُ لَكُمۡ أَيُّهَ ٱلثَّقَلَانِ

हम जल्द ही तुम्हारे लिए फ़ारिग़ होंगे[4] ऐ दो भारी समूहो! (जिन्नो और इनसानो!)[5]

तफ़्सीर:

4. इस वाक्या का अर्थ मुह़ावरे में धमकी देना और सावधान करना है। 5. इसमें प्रलय के दिन की ओर संकेत है जब सब मनुष्यों और जिन्नों के कर्मों का ह़िसाब लिया जाएगा।

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 31

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 32

يَٰمَعۡشَرَ ٱلۡجِنِّ وَٱلۡإِنسِ إِنِ ٱسۡتَطَعۡتُمۡ أَن تَنفُذُواْ مِنۡ أَقۡطَارِ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضِ فَٱنفُذُواْۚ لَا تَنفُذُونَ إِلَّا بِسُلۡطَٰنٖ

ऐ जिन्न तथा मनुष्य के समूह! यदि तुम आकाशों तथा धरती के किनारों से निकल सकते हो, तो निकल भागो, (परंतु) तुम शक्ति (प्रभुत्व) के बिना नहीं निकल सकोगे।[6]

तफ़्सीर:

6. अर्थ यह है कि अल्लाह की पकड़ से बच निकलना तुम्हारे बस में नहीं है।

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 33

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 34

يُرۡسَلُ عَلَيۡكُمَا شُوَاظٞ مِّن نَّارٖ وَنُحَاسٞ فَلَا تَنتَصِرَانِ

तुम दोनों पर आग का ज्वाला तथा धुआँ छोड़ा जाएगा। फिर तुम अपने आपको बचा नहीं सकोगे।

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 35

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 36

فَإِذَا ٱنشَقَّتِ ٱلسَّمَآءُ فَكَانَتۡ وَرۡدَةٗ كَٱلدِّهَانِ

फिर जब आकाश फट जाएगा, तो वह तेल की तरह लाल हो जाएगा।

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 37

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 38

فَيَوۡمَئِذٖ لَّا يُسۡـَٔلُ عَن ذَنۢبِهِۦٓ إِنسٞ وَلَا جَآنّٞ

फिर उस दिन न किसी मनुष्य से उसके गुनाह के बारे में पूछा जाएगा और न किसी जिन्न से।

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 39

فَبِأَيِّ ءَالَآءِ رَبِّكُمَا تُكَذِّبَانِ

तो तुम दोनों अपने पालनहार की किन-किन नेमतों को झुठलाओगे?

सूरह का नाम : Ar-Rahman   सूरह नंबर : 55   आयत नंबर: 40

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