कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

الٓمٓ

अलिफ़, लाम, मीम।

غُلِبَتِ ٱلرُّومُ

रूमी पराजित हो गए।

فِيٓ أَدۡنَى ٱلۡأَرۡضِ وَهُم مِّنۢ بَعۡدِ غَلَبِهِمۡ سَيَغۡلِبُونَ

निकटतम क्षेत्र में। और वे अपनी पराजय के बाद जल्द ही विजयी हो जाएँगे!

فِي بِضۡعِ سِنِينَۗ لِلَّهِ ٱلۡأَمۡرُ مِن قَبۡلُ وَمِنۢ بَعۡدُۚ وَيَوۡمَئِذٖ يَفۡرَحُ ٱلۡمُؤۡمِنُونَ

कुछ वर्षों में। सारा मामला अल्लाह के अधिकार में है, पहले भी और बाद में भी। और उस दिन ईमान वाले प्रसन्न होंगे।

بِنَصۡرِ ٱللَّهِۚ يَنصُرُ مَن يَشَآءُۖ وَهُوَ ٱلۡعَزِيزُ ٱلرَّحِيمُ

अल्लाह की सहायता से। वह जिसकी चाहता है, सहायता करता है। वह सब पर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान है।

وَعۡدَ ٱللَّهِۖ لَا يُخۡلِفُ ٱللَّهُ وَعۡدَهُۥ وَلَٰكِنَّ أَكۡثَرَ ٱلنَّاسِ لَا يَعۡلَمُونَ

यह अल्लाह का वादा है। अल्लाह अपने वादे[1] के विरुद्ध नहीं करता। परंतु अधिकतर लोग नहीं जानते।

يَعۡلَمُونَ ظَٰهِرٗا مِّنَ ٱلۡحَيَوٰةِ ٱلدُّنۡيَا وَهُمۡ عَنِ ٱلۡأٓخِرَةِ هُمۡ غَٰفِلُونَ

वे केवल दुनिया के जीवन के कुछ बाहरी स्वरूप[2] को जानते हैं, और वे आख़िरत से बिलकुल गाफ़िल हैं।

أَوَلَمۡ يَتَفَكَّرُواْ فِيٓ أَنفُسِهِمۗ مَّا خَلَقَ ٱللَّهُ ٱلسَّمَٰوَٰتِ وَٱلۡأَرۡضَ وَمَا بَيۡنَهُمَآ إِلَّا بِٱلۡحَقِّ وَأَجَلٖ مُّسَمّٗىۗ وَإِنَّ كَثِيرٗا مِّنَ ٱلنَّاسِ بِلِقَآيِٕ رَبِّهِمۡ لَكَٰفِرُونَ

क्या उन लोगों ने अपने दिलों में विचार नहीं किया कि अल्लाह ने आकाशों और धरती को और उन दोनों के बीच मौजूद सारी चीज़ों[3] को सत्य के साथ और एक निश्चित अवधि के लिए ही पैदा किया है?! और निःसंदेह बहुत-से लोग अपने पालनहार से मिलने का इनकार करते हैं।

أَوَلَمۡ يَسِيرُواْ فِي ٱلۡأَرۡضِ فَيَنظُرُواْ كَيۡفَ كَانَ عَٰقِبَةُ ٱلَّذِينَ مِن قَبۡلِهِمۡۚ كَانُوٓاْ أَشَدَّ مِنۡهُمۡ قُوَّةٗ وَأَثَارُواْ ٱلۡأَرۡضَ وَعَمَرُوهَآ أَكۡثَرَ مِمَّا عَمَرُوهَا وَجَآءَتۡهُمۡ رُسُلُهُم بِٱلۡبَيِّنَٰتِۖ فَمَا كَانَ ٱللَّهُ لِيَظۡلِمَهُمۡ وَلَٰكِن كَانُوٓاْ أَنفُسَهُمۡ يَظۡلِمُونَ

और क्या वे धरती में चले-फिरे नहीं कि देखते उन लोगों का परिणाम कैसा हुआ, जो उनसे पहले थे? वे उनसे अधिक शक्तिशाली थे और उन्होंने धरती को जोता-बोया और उसे आबाद किया उससे अधिक जितना उन्होंने उसे आबाद किया था, और उनके पास उनके रसूल खुली निशानियाँ लेकर आए। तो अल्लाह ऐसा न था कि उनपर अत्याचार करे, लेकिन वे स्वयं अपने ऊपर अत्याचार करते थे।

ثُمَّ كَانَ عَٰقِبَةَ ٱلَّذِينَ أَسَـٰٓـُٔواْ ٱلسُّوٓأَىٰٓ أَن كَذَّبُواْ بِـَٔايَٰتِ ٱللَّهِ وَكَانُواْ بِهَا يَسۡتَهۡزِءُونَ

फिर जिन लोगों ने बुराई की, उनका बहुत ही बुरा अंत हुआ, इसलिए कि उन्होंने अल्लाह की आयतों को झुठलाया और वे उनका उपहास करते थे।

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