कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

إِنَّا كَذَٰلِكَ نَجۡزِي ٱلۡمُحۡسِنِينَ

निःसंदेह हम सदाचारियों को इसी तरह बदला देते हैं।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 121

إِنَّهُمَا مِنۡ عِبَادِنَا ٱلۡمُؤۡمِنِينَ

निःसंदेह वे दोनों हमारे ईमान वाले बंदों में से थे।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 122

وَإِنَّ إِلۡيَاسَ لَمِنَ ٱلۡمُرۡسَلِينَ

तथा निःसंदेह इलयास निश्चय नबियों में से थे।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 123

إِذۡ قَالَ لِقَوۡمِهِۦٓ أَلَا تَتَّقُونَ

जब उसने अपनी जाति से कहा : क्या तुम डरते नहीं?

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 124

أَتَدۡعُونَ بَعۡلٗا وَتَذَرُونَ أَحۡسَنَ ٱلۡخَٰلِقِينَ

क्या तुम 'बअ्ल' (नामक मूर्ति) को पुकारते हो? तथा पैदा करने वालों में सबस बेहतर को छोड़ देते हो?

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 125

ٱللَّهَ رَبَّكُمۡ وَرَبَّ ءَابَآئِكُمُ ٱلۡأَوَّلِينَ

अल्लाह को, जो तुम्हारा पालनहार है तथा तुम्हारे पहले बाप-दादा का पालनहार है।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 126

فَكَذَّبُوهُ فَإِنَّهُمۡ لَمُحۡضَرُونَ

किंतु उन्होंने उसे झुठला दिया। तो निश्चय वे अवश्य हाज़िर किए जाने वाले हैं।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 127

إِلَّا عِبَادَ ٱللَّهِ ٱلۡمُخۡلَصِينَ

सिवाय अल्लाह के ख़ालिस किए हुए बंदों के।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 128

وَتَرَكۡنَا عَلَيۡهِ فِي ٱلۡأٓخِرِينَ

और हमने पीछे आने वालों में उसके लिए (अच्छा स्मरण) बाक़ी रखा।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 129

سَلَٰمٌ عَلَىٰٓ إِلۡيَاسِينَ

सलाम हो इल्यासीन[19] पर।

तफ़्सीर:

19. इल्यासीन इलयास ही का एक उच्चारण है। उन्हें अन्य धर्म ग्रंथों में इलया भी कहा गया है।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 130

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