कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

إِنَّا كَذَٰلِكَ نَجۡزِي ٱلۡمُحۡسِنِينَ

निःसंदेह हम सदाचारियों को इसी तरह बदला देते हैं।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 131

إِنَّهُۥ مِنۡ عِبَادِنَا ٱلۡمُؤۡمِنِينَ

निश्चय वह हमारे ईमान वाले बंदों में से था।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 132

وَإِنَّ لُوطٗا لَّمِنَ ٱلۡمُرۡسَلِينَ

और निःसंदेह लूत निश्चय रसूलों में से था।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 133

إِذۡ نَجَّيۡنَٰهُ وَأَهۡلَهُۥٓ أَجۡمَعِينَ

जब हमने उसे तथा उसके सब घर वालों को बचाया।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 134

إِلَّا عَجُوزٗا فِي ٱلۡغَٰبِرِينَ

सिवाय एक बुढ़िया[20] के, जो पीछे रह जाने वालों में से थी।

तफ़्सीर:

20. यह लूत (अलैहिस्सलाम) की काफ़िर पत्नी थी।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 135

ثُمَّ دَمَّرۡنَا ٱلۡأٓخَرِينَ

फिर हमने दूसरों का विनाश कर दिया।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 136

وَإِنَّكُمۡ لَتَمُرُّونَ عَلَيۡهِم مُّصۡبِحِينَ

तथा निःसंदेह तुम[21] निश्चय सुबह के समय जाते हुए उनपर से गुज़रते हो।

तफ़्सीर:

21. मक्का वासियों को संबोधित किया गया है।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 137

وَبِٱلَّيۡلِۚ أَفَلَا تَعۡقِلُونَ

तथा रात के समय भी। तो क्या तुम समझते नहीं?

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 138

وَإِنَّ يُونُسَ لَمِنَ ٱلۡمُرۡسَلِينَ

तथा निःसंदेह यूनुस निश्चय रसूलों में से था।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 139

إِذۡ أَبَقَ إِلَى ٱلۡفُلۡكِ ٱلۡمَشۡحُونِ

जब वह भरी नाव की ओर भागकर गया।[22]

तफ़्सीर:

22. अल्लाह की अनुमति के बिना अपने नगर से नगर वासियों को यातना के आने की सूचना देकर निकल गए। और नाव पर सवार हो गए। नाव सागर की लहरों में घिर गई। इसलिए बोझ कम करने के लिए नाम निकाला गया, तो यूनुस अलैहिस्सलाम का नाम निकला और उन्हें समुद्र में फेंक दिया गया।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 140

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