कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

فَٱسۡتَفۡتِهِمۡ أَهُمۡ أَشَدُّ خَلۡقًا أَم مَّنۡ خَلَقۡنَآۚ إِنَّا خَلَقۡنَٰهُم مِّن طِينٖ لَّازِبِۭ

तो आप इन (काफ़िरों) से पूछें कि क्या इन्हें पैदा करना अधिक कठिन है या उनका जिन्हें[3] हम पैदा कर चुके? निःसंदेह हमने उन्हें[4] एक लेसदार मिट्टी से पैदा किया है।

तफ़्सीर:

3. अर्थात फ़रिश्तों तथा आकाशों को। 4. अर्थात् उनके पिता आदम (अलैहिस्सलाम) को।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 11

بَلۡ عَجِبۡتَ وَيَسۡخَرُونَ

बल्कि आपने आश्चर्य किया और वे उपहास करते हैं।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 12

وَإِذَا ذُكِّرُواْ لَا يَذۡكُرُونَ

और जब उन्हें नसीहत की जाए, तो वे क़बूल नहीं करते।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 13

وَإِذَا رَأَوۡاْ ءَايَةٗ يَسۡتَسۡخِرُونَ

और जब वे कोई निशानी देखते हैं, तो खूब उपहास करते हैं।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 14

وَقَالُوٓاْ إِنۡ هَٰذَآ إِلَّا سِحۡرٞ مُّبِينٌ

तथा कहते हैं कि यह तो मात्र खुला जादू है।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 15

أَءِذَا مِتۡنَا وَكُنَّا تُرَابٗا وَعِظَٰمًا أَءِنَّا لَمَبۡعُوثُونَ

क्या जब हम मर गए और मिट्टी तथा हड्डियाँ हो चुके, तो क्या सचमुच हम अवश्य उठाए जाने वाले हैं?

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 16

أَوَءَابَآؤُنَا ٱلۡأَوَّلُونَ

और क्या हमारे पहले बाप-दादा भी (उठाए जाएँगे)?

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 17

قُلۡ نَعَمۡ وَأَنتُمۡ دَٰخِرُونَ

आप कह दीजिए : हाँ! तथा तुम अपमानित (भी) होगे!

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 18

فَإِنَّمَا هِيَ زَجۡرَةٞ وَٰحِدَةٞ فَإِذَا هُمۡ يَنظُرُونَ

वह बस एक ही झिड़की होगी, तो एकाएक वे देख रहे होंगे।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 19

وَقَالُواْ يَٰوَيۡلَنَا هَٰذَا يَوۡمُ ٱلدِّينِ

तथा वे कहेंगे : हाय हमारा विनाश! यह तो बदले का दिन है।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 20

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