कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

إِنَّهُۥ مِنۡ عِبَادِنَا ٱلۡمُؤۡمِنِينَ

निश्चय वह हमारे ईमान वाले बंदों में से था।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 81

ثُمَّ أَغۡرَقۡنَا ٱلۡأٓخَرِينَ

फिर हमने दूसरों को डुबो दिया।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 82

۞وَإِنَّ مِن شِيعَتِهِۦ لَإِبۡرَٰهِيمَ

और निःसंदेह उसी के तरीक़े पर चलने वालों में से निश्चय इबराहीम (भी) थे।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 83

إِذۡ جَآءَ رَبَّهُۥ بِقَلۡبٖ سَلِيمٍ

(उस समय को याद करें) जब वह अपने पालनहार के पास शुद्ध दिल लेकर आए।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 84

إِذۡ قَالَ لِأَبِيهِ وَقَوۡمِهِۦ مَاذَا تَعۡبُدُونَ

जब उसने अपने बाप तथा अपनी जाति से कहा : तुम किस चीज़ की इबादत करते हो?

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 85

أَئِفۡكًا ءَالِهَةٗ دُونَ ٱللَّهِ تُرِيدُونَ

क्या अल्लाह को छोड़कर अपने गढ़े हुए पूज्यों को चाहते हो?

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 86

فَمَا ظَنُّكُم بِرَبِّ ٱلۡعَٰلَمِينَ

तो सर्व संसार के पालनहार के विषय में तुम्हारा क्या गुमान है?

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 87

فَنَظَرَ نَظۡرَةٗ فِي ٱلنُّجُومِ

फिर उसने एक दृष्टि तारों पर डाली।[15]

तफ़्सीर:

15. यह सोचते हुए कि इनके उत्सव में न जाने के लिए क्या बहाना करूँ।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 88

فَقَالَ إِنِّي سَقِيمٞ

फिर कहा : मैं तो बीमार हूँ।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 89

فَتَوَلَّوۡاْ عَنۡهُ مُدۡبِرِينَ

तो वे उससे पीठ फेरकर वापस चले गए।

सूरह का नाम : As-Saffat   सूरह नंबर : 37   आयत नंबर: 90

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