कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَبُرِّزَتِ ٱلۡجَحِيمُ لِلۡغَاوِينَ

तथा पथभ्रष्ट लोगों के लिए भड़कती आग प्रकट कर दी जाएगी।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 91

وَقِيلَ لَهُمۡ أَيۡنَ مَا كُنتُمۡ تَعۡبُدُونَ

तथा उनसे कहा जाएगा : कहाँ हैं वे, जिन्हें तुम पूजते थे?

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 92

مِن دُونِ ٱللَّهِ هَلۡ يَنصُرُونَكُمۡ أَوۡ يَنتَصِرُونَ

अल्लाह के सिवा। क्या वे तुम्हारी मदद करते हैं, या अपनी रक्षा करते हैं?

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 93

فَكُبۡكِبُواْ فِيهَا هُمۡ وَٱلۡغَاوُۥنَ

फिर वे और सब पथभ्रष्ट लोग उसमें औंधे मुँह फेंक दिए जाएँगे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 94

وَجُنُودُ إِبۡلِيسَ أَجۡمَعُونَ

और इबलीस की समस्त सेनाएँ भी।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 95

قَالُواْ وَهُمۡ فِيهَا يَخۡتَصِمُونَ

वे उसमें आपस में झगड़ते हुए कहेंगे :

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 96

تَٱللَّهِ إِن كُنَّا لَفِي ضَلَٰلٖ مُّبِينٍ

अल्लाह की क़सम! निःसंदेह हम निश्चय खुली गुमराही में थे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 97

إِذۡ نُسَوِّيكُم بِرَبِّ ٱلۡعَٰلَمِينَ

जब हम तुम्हें सारे संसारों के पालनहार के बराबर ठहराते थे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 98

وَمَآ أَضَلَّنَآ إِلَّا ٱلۡمُجۡرِمُونَ

और हमें तो सिर्फ़ इन अपराधियों ने गुमराह किया।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 99

فَمَا لَنَا مِن شَٰفِعِينَ

अब न हमारे लिए कोई सिफारिश करने वाले हैं।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 100

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