कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَلَا صَدِيقٍ حَمِيمٖ

और न कोई घनिष्ट मित्र।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 101

فَلَوۡ أَنَّ لَنَا كَرَّةٗ فَنَكُونَ مِنَ ٱلۡمُؤۡمِنِينَ

तो यदि वास्तव में हमारे लिए वापस जाने का अवसर होता, तो हम ईमानवालों में से हो जाते।[17]

तफ़्सीर:

17. इस आयत में संकेत है कि संसार में एक ही जीवन कर्म के लिए मिलता है। और दूसरा जीवन परलोक में कर्मों के फल के लिए मिलेगा।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 102

إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَأٓيَةٗۖ وَمَا كَانَ أَكۡثَرُهُم مُّؤۡمِنِينَ

निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर ईमानवाले नहीं थे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 103

وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ ٱلۡعَزِيزُ ٱلرَّحِيمُ

और निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली,[18] अत्यंत दयावान् हैl

तफ़्सीर:

18. परंतु लोग स्वयं अत्याचार करके नरक के भागी बन रहे हैं।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 104

كَذَّبَتۡ قَوۡمُ نُوحٍ ٱلۡمُرۡسَلِينَ

नूह़ की जाति ने रसूलों को झुठलाया।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 105

إِذۡ قَالَ لَهُمۡ أَخُوهُمۡ نُوحٌ أَلَا تَتَّقُونَ

जब उनसे उनके भाई नूह़ ने कहा : क्या तुम डरते नहीं?

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 106

إِنِّي لَكُمۡ رَسُولٌ أَمِينٞ

निःसंदेह मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ।[19]

तफ़्सीर:

19. अल्लाह का संदेश बिना कमी और अधिकता के तुम्हें पहुँचा रहा हूँ।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 107

فَٱتَّقُواْ ٱللَّهَ وَأَطِيعُونِ

अतः तुम अल्लाह से डरो और मेरी बात मानो।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 108

وَمَآ أَسۡـَٔلُكُمۡ عَلَيۡهِ مِنۡ أَجۡرٍۖ إِنۡ أَجۡرِيَ إِلَّا عَلَىٰ رَبِّ ٱلۡعَٰلَمِينَ

मैं इस (कार्य) पर तुमसे कोई पारिश्रमिक (बदला) नहीं माँगता। मेरा बदला तो केवल सारे संसारों के पालनहार पर है।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 109

فَٱتَّقُواْ ٱللَّهَ وَأَطِيعُونِ

अतः तुम अल्लाह से डरो और मेरी बात मानो।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 110

नूजलेटर के लिए साइन अप करें