कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

۞قَالُوٓاْ أَنُؤۡمِنُ لَكَ وَٱتَّبَعَكَ ٱلۡأَرۡذَلُونَ

उन्होंने कहा : क्या हम तुझपर ईमान ले आएँ, जबकि तेरे पीछे चलने वाले अत्यंत नीच[20] लोग हैं?

तफ़्सीर:

20. अर्थात धनी नहीं, निर्धन लोग कर रहे हैं।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 111

قَالَ وَمَا عِلۡمِي بِمَا كَانُواْ يَعۡمَلُونَ

(नूह़ ने) कहा : मूझे क्या मालूम कि वे क्या कर्म करते रहे हैं?

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 112

إِنۡ حِسَابُهُمۡ إِلَّا عَلَىٰ رَبِّيۖ لَوۡ تَشۡعُرُونَ

उनका ह़िसाब तो मेरे पालनहार ही के ज़िम्मे है, यदि तुम समझो।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 113

وَمَآ أَنَا۠ بِطَارِدِ ٱلۡمُؤۡمِنِينَ

और मैं ईमान वालों को धुतकारने वाला[21] नहीं हूँ।

तफ़्सीर:

21. अर्थात मैं हीन वर्ग के लोगों को जो ईमान लाए हैं, अपने से दूर नहीं कर सकता जैसा कि तुम चाहते हो।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 114

إِنۡ أَنَا۠ إِلَّا نَذِيرٞ مُّبِينٞ

मैं तो बस एक खुला डराने वाला हूँ

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 115

قَالُواْ لَئِن لَّمۡ تَنتَهِ يَٰنُوحُ لَتَكُونَنَّ مِنَ ٱلۡمَرۡجُومِينَ

उन्होंने कहा : ऐ नूह़! यदि तू बाज़ नहीं आया, तो अवश्य संगसार किए गए लोगों में से हो जाएगा।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 116

قَالَ رَبِّ إِنَّ قَوۡمِي كَذَّبُونِ

उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! निःसंदेह मेरी जाति ने मुझे झुठला दिया!

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 117

فَٱفۡتَحۡ بَيۡنِي وَبَيۡنَهُمۡ فَتۡحٗا وَنَجِّنِي وَمَن مَّعِيَ مِنَ ٱلۡمُؤۡمِنِينَ

अतः तू मेरे और उनके बीच दो-टूक निर्णय कर दे, तथा मुझे और जो ईमानवाले मेरे साथ हैं, उन्हें बचा ले।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 118

فَأَنجَيۡنَٰهُ وَمَن مَّعَهُۥ فِي ٱلۡفُلۡكِ ٱلۡمَشۡحُونِ

तो हमने उसे और उन लोगों को जो उसके साथ भरी हुई नाव में थे, बचा लिया।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 119

ثُمَّ أَغۡرَقۡنَا بَعۡدُ ٱلۡبَاقِينَ

फिर उसके बाद शेष लोगों को डुबो दिया।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 120

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