कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

فَٱتَّقُواْ ٱللَّهَ وَأَطِيعُونِ

अतः अल्लाह से डरो और जो मैं कहता हूँ, उसे मानो।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 131

وَٱتَّقُواْ ٱلَّذِيٓ أَمَدَّكُم بِمَا تَعۡلَمُونَ

तथा उससे डरो जिसने उन चीज़ों से तुम्हारी मदद की, जिन्हें तुम जानते हो।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 132

أَمَدَّكُم بِأَنۡعَٰمٖ وَبَنِينَ

उसने चौपायों और बेटों से तुम्हारी मदद की।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 133

وَجَنَّـٰتٖ وَعُيُونٍ

तथा बाग़ों और जल स्रोताें से।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 134

إِنِّيٓ أَخَافُ عَلَيۡكُمۡ عَذَابَ يَوۡمٍ عَظِيمٖ

निश्चय ही मैं तुमपर एक बड़े दिन की यातना से डरता हूँ।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 135

قَالُواْ سَوَآءٌ عَلَيۡنَآ أَوَعَظۡتَ أَمۡ لَمۡ تَكُن مِّنَ ٱلۡوَٰعِظِينَ

उन्होंने कहा : हमारे लिए बराबर है कि तू नसीहत करे, या नसीहत करने वालों में से हो।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 136

إِنۡ هَٰذَآ إِلَّا خُلُقُ ٱلۡأَوَّلِينَ

यह तो केवल पहले लोगों की आदत है।[23]

तफ़्सीर:

23. अर्थात प्राचीन युग से होती चली आ रही है।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 137

وَمَا نَحۡنُ بِمُعَذَّبِينَ

और हम निश्चित रूप से दंडित नहीं होंगे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 138

فَكَذَّبُوهُ فَأَهۡلَكۡنَٰهُمۡۚ إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَأٓيَةٗۖ وَمَا كَانَ أَكۡثَرُهُم مُّؤۡمِنِينَ

तो उन्होंने उसे झुठला दिया, तो हमने उन्हें विनष्ट कर दिया। निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर लोग ईमानवाले नहीं थे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 139

وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ ٱلۡعَزِيزُ ٱلرَّحِيمُ

तथा निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् है।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 140

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