कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

كَذَّبَتۡ ثَمُودُ ٱلۡمُرۡسَلِينَ

समूद ने रसूलों[24] को झुठलाया।

तफ़्सीर:

24. यहाँ यह बात याद रखने की है कि एक रसूल का इनकार सभी रसूलों का इनकार है; क्योंकि सबका उपदेश एक ही था।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 141

إِذۡ قَالَ لَهُمۡ أَخُوهُمۡ صَٰلِحٌ أَلَا تَتَّقُونَ

जब उनसे उनके भाई सालेह़ ने कहा : क्या तुम डरते नहीं हो?

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 142

إِنِّي لَكُمۡ رَسُولٌ أَمِينٞ

निःसंदेह मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 143

فَٱتَّقُواْ ٱللَّهَ وَأَطِيعُونِ

अतः अल्लाह से डरो और जो मैं कहता हूँ, उसका पालन करो।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 144

وَمَآ أَسۡـَٔلُكُمۡ عَلَيۡهِ مِنۡ أَجۡرٍۖ إِنۡ أَجۡرِيَ إِلَّا عَلَىٰ رَبِّ ٱلۡعَٰلَمِينَ

मैं इसपर तुमसे कोई पारिश्रमिक (बदला) नहीं माँगता। मेरा बदला तो केवल सारे संसारों के पालनहार पर है।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 145

أَتُتۡرَكُونَ فِي مَا هَٰهُنَآ ءَامِنِينَ

क्या तुम उन चीज़ों में जो यहाँ हैं, निश्चिंत छोड़ दिए जाओगे?

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 146

فِي جَنَّـٰتٖ وَعُيُونٖ

बाग़ों तथा स्रोतों में।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 147

وَزُرُوعٖ وَنَخۡلٖ طَلۡعُهَا هَضِيمٞ

तथा खेतों और खजूर के पेड़ों में, जिनके फल मुलायम और पके हुए हैं।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 148

وَتَنۡحِتُونَ مِنَ ٱلۡجِبَالِ بُيُوتٗا فَٰرِهِينَ

तथा तुम पर्वतों को काटकर बड़ी निपुणता के साथ घर बनाते हो।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 149

فَٱتَّقُواْ ٱللَّهَ وَأَطِيعُونِ

अतः अल्लाह से डरो और मेरा आज्ञापालन करो।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 150

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