कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

إِلَّا عَجُوزٗا فِي ٱلۡغَٰبِرِينَ

सिवाय एक बुढ़िया[27] के, जो पीछे रहने वालों में से थी।

तफ़्सीर:

27. इससे अभिप्रेत लूत (अलैहिस्सलाम) की काफ़िर पत्नी थी।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 171

ثُمَّ دَمَّرۡنَا ٱلۡأٓخَرِينَ

फिर हमने दूसरों को विनष्ट कर दिया।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 172

وَأَمۡطَرۡنَا عَلَيۡهِم مَّطَرٗاۖ فَسَآءَ مَطَرُ ٱلۡمُنذَرِينَ

और हमने उनपर ज़ोरदार बारिश[28] बरसाई। तो उन लोगों की बारिश बहुत बुरी थी, जिन्हें डराया गया था।

तफ़्सीर:

28. अर्थात पत्थरों की बारिश। (देखिए : सूरत हूद, आयत : 82-83)

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 173

إِنَّ فِي ذَٰلِكَ لَأٓيَةٗۖ وَمَا كَانَ أَكۡثَرُهُم مُّؤۡمِنِينَ

निःसंदेह इसमें निश्चय एक बड़ी निशानी है। और उनमें से अधिकतर ईमानवाले नहीं थे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 174

وَإِنَّ رَبَّكَ لَهُوَ ٱلۡعَزِيزُ ٱلرَّحِيمُ

और निःसंदेह आपका पालनहार, निश्चय वही सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् है।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 175

كَذَّبَ أَصۡحَٰبُ لۡـَٔيۡكَةِ ٱلۡمُرۡسَلِينَ

ऐका[29] वालों ने रसूलों को झुठलाया।

तफ़्सीर:

29. ऐका का अर्थ झाड़ी है। यह मदयन का क्षेत्र है जिसमें शुऐब अलैहिस्सलाम को भेजा गया था।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 176

إِذۡ قَالَ لَهُمۡ شُعَيۡبٌ أَلَا تَتَّقُونَ

जब उनसे शुऐब ने कहा : क्या तुम डरते नहीं हो?

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 177

إِنِّي لَكُمۡ رَسُولٌ أَمِينٞ

निःसंदेह मैं तुम्हारे लिए एक अमानतदार रसूल हूँ।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 178

فَٱتَّقُواْ ٱللَّهَ وَأَطِيعُونِ

अतः तुम अल्लाह से डरो और मेरी बात मानो।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 179

وَمَآ أَسۡـَٔلُكُمۡ عَلَيۡهِ مِنۡ أَجۡرٍۖ إِنۡ أَجۡرِيَ إِلَّا عَلَىٰ رَبِّ ٱلۡعَٰلَمِينَ

मैं इस (कार्य) पर तुमसे कोई पारिश्रमिक (बदला) नहीं माँगता, मेरा बदला तो केवल सारे संसारों के पालनहार पर है।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 180

नूजलेटर के लिए साइन अप करें