कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

لَا يُؤۡمِنُونَ بِهِۦ حَتَّىٰ يَرَوُاْ ٱلۡعَذَابَ ٱلۡأَلِيمَ

वे उसपर ईमान नहीं लाएँगे, यहाँ तक कि वे दर्दनाक यातना देख लें।

فَيَأۡتِيَهُم بَغۡتَةٗ وَهُمۡ لَا يَشۡعُرُونَ

तो वह उनपर अचानक आ पड़े और वे सोचते भी न हों।

فَيَقُولُواْ هَلۡ نَحۡنُ مُنظَرُونَ

फिर वे कहें : क्या हम मोहलत दिए जाने वाले हैं

أَفَبِعَذَابِنَا يَسۡتَعۡجِلُونَ

तो क्या वे हमारी यातना के लिए जल्दी मचा रहे हैं?

أَفَرَءَيۡتَ إِن مَّتَّعۡنَٰهُمۡ سِنِينَ

तो क्या आपने विचार किया यदि हम इन्हें कुछ वर्षों तक लाभ दें।

ثُمَّ جَآءَهُم مَّا كَانُواْ يُوعَدُونَ

फिर उनपर वह (यातना) आ जाए, जिसका उनसे वादा किया जाता था।

مَآ أَغۡنَىٰ عَنۡهُم مَّا كَانُواْ يُمَتَّعُونَ

तो उन्हें जो लाभ दिया जाता था, वह उनके किस काम आएगा?

وَمَآ أَهۡلَكۡنَا مِن قَرۡيَةٍ إِلَّا لَهَا مُنذِرُونَ

और हमने किसी बस्ती को विनष्ट नहीं किया, परंतु उसके लिए कई सावधान करने वाले थे।

ذِكۡرَىٰ وَمَا كُنَّا ظَٰلِمِينَ

याद दिलाने के लिए। और हम अत्याचारी नहीं थे।

وَمَا تَنَزَّلَتۡ بِهِ ٱلشَّيَٰطِينُ

तथा इस (क़ुरआन) को लेकर शैतान नहीं उतरे।

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