कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَمَا يَنۢبَغِي لَهُمۡ وَمَا يَسۡتَطِيعُونَ

और न यह उनके योग्य है, और न वे ऐसा कर सकते हैं।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 211

إِنَّهُمۡ عَنِ ٱلسَّمۡعِ لَمَعۡزُولُونَ

निःसंदेह वे तो (इसके) सुनने ही से अलग[37] कर दिए गए हैं।

तफ़्सीर:

37. अर्थात इसके अवतरित होने के समय शैतान आकाश की ओर जाते हैं तो उल्का उन्हें भस्म कर देते हैं।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 212

فَلَا تَدۡعُ مَعَ ٱللَّهِ إِلَٰهًا ءَاخَرَ فَتَكُونَ مِنَ ٱلۡمُعَذَّبِينَ

अतः आप अल्लाह के साथ किसी अन्य पूज्य को न पुकारें, अन्यथा आप दंड पाने वालों में हो जाएँगे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 213

وَأَنذِرۡ عَشِيرَتَكَ ٱلۡأَقۡرَبِينَ

और आप अपने निकटतम रिश्तेदारों को डराएँ।[38]

तफ़्सीर:

38. आदरणीय इब्ने अब्बास (रज़ियल्लाहु अन्हुमा) कहते हैं कि जब यह आयत उतरी तो आप (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) सफ़ा पर्वत पर चढ़े। और क़ुरैश के परिवारों को पुकरा। और जब सब एकत्र हो गए, और जो स्वयं नहीं आ सका तो उसने किसी प्रतिनिधि को भेज दिया। और अबू लहब तथा क़ुरैश आ गए तो आपने फरमाया : यदि मैं तुमसे कहूँ कि उस वादी में एक सेना है जो तुम पर आक्रमण करने वाली है, तो क्या तुम मुझे सच्चा मानोगे? सबने कहा : हाँ। हमने आपको सदा ही सच्चा पाया है। आपने कहा : मैं तुम्हें आगामी कड़ी यातना से सावधान कर रहा हूँ। इसपर अबू लहब ने कहा : तेरा पूरे दिन नाश हो! क्या हमें इसी के लिए एकत्र किया है? और इसीपर सूरत लह्ब उतरी। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4770)

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 214

وَٱخۡفِضۡ جَنَاحَكَ لِمَنِ ٱتَّبَعَكَ مِنَ ٱلۡمُؤۡمِنِينَ

और ईमान वालों में से जो आपका अनुसरण करे, उसके लिए अपना बाज़ू[39] झुका दें।

तफ़्सीर:

39. अर्थात उसके साथ विनम्रता का व्यवहार करें।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 215

فَإِنۡ عَصَوۡكَ فَقُلۡ إِنِّي بَرِيٓءٞ مِّمَّا تَعۡمَلُونَ

फि यदि वे आपकी अवज्ञा करें, तो आप कह दें कि तुम जो कुछ कर रहे हो उसकी ज़िम्मेदारी से मैं बरी हूँ।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 216

وَتَوَكَّلۡ عَلَى ٱلۡعَزِيزِ ٱلرَّحِيمِ

तथा उस सबपर प्रभुत्वशाली, अत्यंत दयावान् पर भरोसा करें।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 217

ٱلَّذِي يَرَىٰكَ حِينَ تَقُومُ

जो आपको देखता है, जब आप खड़े होते हैं।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 218

وَتَقَلُّبَكَ فِي ٱلسَّـٰجِدِينَ

और सजदा करने वालों में आपके फिरने को भी।[40]

तफ़्सीर:

40. अर्थात प्रत्येक समय, अकेले हों या लोगों के बीच हों।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 219

إِنَّهُۥ هُوَ ٱلسَّمِيعُ ٱلۡعَلِيمُ

निःसंदेह वही सब कुछ सुनने वाला, सब कुछ जानने वाला है।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 220

नूजलेटर के लिए साइन अप करें