कुरान उद्धरण :  We do not lay a burden on anyone beyond his capacity. -
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

فَلَمَّا جَآءَ ٱلسَّحَرَةُ قَالُواْ لِفِرۡعَوۡنَ أَئِنَّ لَنَا لَأَجۡرًا إِن كُنَّا نَحۡنُ ٱلۡغَٰلِبِينَ

फिर जब जादूगर आ गए, तो उन्होंने फ़िरऔन से कहा : क्या सचमुच हमें कुछ पुरस्कार मिलेगा, यदि हम ही प्रभावी रहे?

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 41

قَالَ نَعَمۡ وَإِنَّكُمۡ إِذٗا لَّمِنَ ٱلۡمُقَرَّبِينَ

उसने कहा : हाँ! और निश्चय तुम उस समय निकटवर्तियों में से हो जाओगे ।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 42

قَالَ لَهُم مُّوسَىٰٓ أَلۡقُواْ مَآ أَنتُم مُّلۡقُونَ

मूसा ने उनसे कहा : फेंको, जो कुछ तुम फेंकने वाले हो।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 43

فَأَلۡقَوۡاْ حِبَالَهُمۡ وَعِصِيَّهُمۡ وَقَالُواْ بِعِزَّةِ فِرۡعَوۡنَ إِنَّا لَنَحۡنُ ٱلۡغَٰلِبُونَ

तो उन्होंने अपनी रस्सियाँ और लाठियाँ फेंकीं और कहा : फ़िरऔन के प्रभुत्व की सौगंध! निःसंदेह हम, निश्चय हम ही विजयी रहेंगे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 44

فَأَلۡقَىٰ مُوسَىٰ عَصَاهُ فَإِذَا هِيَ تَلۡقَفُ مَا يَأۡفِكُونَ

फिर मूसा ने अपनी लाठी फेंकी, तो एकाएक वह उन चीज़ों को निगल रही थी, जो वे झूठ बना रहे थे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 45

فَأُلۡقِيَ ٱلسَّحَرَةُ سَٰجِدِينَ

इसपर जादूगर सजदा करते हुए गिर गए।[9]

तफ़्सीर:

9. क्योंकि उन्हें विश्वास हो गया कि मूसा (अलैहिस्सलाम) जादूगर नहीं, बल्कि वह सत्य के उपदेशक हैं।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 46

قَالُوٓاْ ءَامَنَّا بِرَبِّ ٱلۡعَٰلَمِينَ

उन्होंने कहा : हम सारे संसारों के पालनहार पर ईमान ले आए।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 47

رَبِّ مُوسَىٰ وَهَٰرُونَ

मूसा तथा हारून के पालनहार पर।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 48

قَالَ ءَامَنتُمۡ لَهُۥ قَبۡلَ أَنۡ ءَاذَنَ لَكُمۡۖ إِنَّهُۥ لَكَبِيرُكُمُ ٱلَّذِي عَلَّمَكُمُ ٱلسِّحۡرَ فَلَسَوۡفَ تَعۡلَمُونَۚ لَأُقَطِّعَنَّ أَيۡدِيَكُمۡ وَأَرۡجُلَكُم مِّنۡ خِلَٰفٖ وَلَأُصَلِّبَنَّكُمۡ أَجۡمَعِينَ

(फ़िरऔन ने) कहा : तुम उसपर ईमान ले आए, इससे पहले कि मैं तुम्हें अनुमति दूँ? निःसंदेह यह अवश्य तुम्हारा बड़ा (गुरू) है, जिसने तुम्हें जादू सिखाया है। अतः निश्चय तुम जल्दी जान लोगे। मैं अवश्य तुम्हारे हाथ और तुम्हारे पाँव विपरीत दिशा[10] से काट दूँगा तथा निश्चय तुम सभी को अवश्य बुरी तरह सूली पर चढ़ा दूँगा।

तफ़्सीर:

10. अर्थात दाँया हाथ और बायाँ पैर या बायाँ हाथ और दायाँ पैर।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 49

قَالُواْ لَا ضَيۡرَۖ إِنَّآ إِلَىٰ رَبِّنَا مُنقَلِبُونَ

उन्होंने कहा : कोई नुक़सान नहीं, निश्चित रूप से हम अपने पालनहार की ओर पलटने वाले हैं।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 50

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