कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

إِنَّا نَطۡمَعُ أَن يَغۡفِرَ لَنَا رَبُّنَا خَطَٰيَٰنَآ أَن كُنَّآ أَوَّلَ ٱلۡمُؤۡمِنِينَ

हम आशा रखते हैं कि हमारा पालनहार हमारे लिए, हमारे पापों को क्षमा कर देगा, इस कारण कि हम सबसे पहले ईमान लाने वाले हैं।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 51

۞وَأَوۡحَيۡنَآ إِلَىٰ مُوسَىٰٓ أَنۡ أَسۡرِ بِعِبَادِيٓ إِنَّكُم مُّتَّبَعُونَ

और हमने मूसा की ओर वह़्य की कि मेरे बंदों को लेकर रातों-रात निकल जा। निश्चय ही तुम्हारा पीछा किया जाएगा।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 52

فَأَرۡسَلَ فِرۡعَوۡنُ فِي ٱلۡمَدَآئِنِ حَٰشِرِينَ

तो फ़िरऔन ने नगरों में (सेना) एकत्र करने वालों को भेज दिया।[11]

तफ़्सीर:

11. जब मूसा (अलैहिस्सलाम) अल्लाह के आदेशानुसार अपने साथियों को लेकर निकल गए तो फ़िरऔन ने उनका पीछा करने के लिए नगरों में हरकारे भेजे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 53

إِنَّ هَـٰٓؤُلَآءِ لَشِرۡذِمَةٞ قَلِيلُونَ

कि निःसंदेह ये लोग एक छोटा-सा समूह हैं।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 54

وَإِنَّهُمۡ لَنَا لَغَآئِظُونَ

और निःसंदेह ये हमें निश्चित रूप से गुस्सा दिलाने वाले हैं।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 55

وَإِنَّا لَجَمِيعٌ حَٰذِرُونَ

और निश्चय ही हम सब चौकन्ना रहने वाले हैं।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 56

فَأَخۡرَجۡنَٰهُم مِّن جَنَّـٰتٖ وَعُيُونٖ

इस तरह हमने उन्हें बाग़ों और सोतों से निकाल दिया।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 57

وَكُنُوزٖ وَمَقَامٖ كَرِيمٖ

तथा ख़ज़ानों और उत्तम आवासों से।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 58

كَذَٰلِكَۖ وَأَوۡرَثۡنَٰهَا بَنِيٓ إِسۡرَـٰٓءِيلَ

ऐसा ही हुआ और हमने उनका वारिस बनी इसराईल को बना दिया।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 59

فَأَتۡبَعُوهُم مُّشۡرِقِينَ

तो उन्होंने सूर्योदय के समय उनका पीछा किया।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 60

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