कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

قَالُواْ نَعۡبُدُ أَصۡنَامٗا فَنَظَلُّ لَهَا عَٰكِفِينَ

उन्होंने कहा : हम कुछ मूर्तियों की पूजा करते हैं, इसलिए उन्हीं की सेवा में लगे रहते हैं।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 71

قَالَ هَلۡ يَسۡمَعُونَكُمۡ إِذۡ تَدۡعُونَ

उसने कहा : क्या वे तुम्हें सुनते हैं, जब तुम (उन्हें) पुकारते हो?

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 72

أَوۡ يَنفَعُونَكُمۡ أَوۡ يَضُرُّونَ

या तुम्हें लाभ देते हैं, या हानि पहुँचाते हैं?

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 73

قَالُواْ بَلۡ وَجَدۡنَآ ءَابَآءَنَا كَذَٰلِكَ يَفۡعَلُونَ

उन्होंने कहा : बल्कि हमने अपने बाप-दादा को पाया कि वे ऐसा ही करते थे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 74

قَالَ أَفَرَءَيۡتُم مَّا كُنتُمۡ تَعۡبُدُونَ

उसने कहा : तो क्या तुमने देखा कि जिनको तुम पूजते रहे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 75

أَنتُمۡ وَءَابَآؤُكُمُ ٱلۡأَقۡدَمُونَ

तुम तथा तुम्हारे पहले बाप-दादा?

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 76

فَإِنَّهُمۡ عَدُوّٞ لِّيٓ إِلَّا رَبَّ ٱلۡعَٰلَمِينَ

सो निःसंदेह वे मेरे शत्रु हैं, सिवाय सारे संसारों के पालनहार के।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 77

ٱلَّذِي خَلَقَنِي فَهُوَ يَهۡدِينِ

वह जिसने मुझे पैदा किया, फिर वही मेरा मार्गदर्शन करता है।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 78

وَٱلَّذِي هُوَ يُطۡعِمُنِي وَيَسۡقِينِ

और वही जो मुझे खिलाता है और मुझे पिलाता है।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 79

وَإِذَا مَرِضۡتُ فَهُوَ يَشۡفِينِ

और जब मैं बीमार होता हूँ, तो वही मुझे अच्छा करता है।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 80

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