कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَٱلَّذِي يُمِيتُنِي ثُمَّ يُحۡيِينِ

तथा वह जो मुझे मारेगा, फिर[14] मुझे जीवित करेगा।

तफ़्सीर:

14. अर्थात प्रलय के दिन अपने कर्मों का फल भोगने के लिए।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 81

وَٱلَّذِيٓ أَطۡمَعُ أَن يَغۡفِرَ لِي خَطِيٓـَٔتِي يَوۡمَ ٱلدِّينِ

तथा वह, जिससे मैं आशा रखता हूँ कि वह बदले के दिन मेरे पाप क्षमा कर देगा।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 82

رَبِّ هَبۡ لِي حُكۡمٗا وَأَلۡحِقۡنِي بِٱلصَّـٰلِحِينَ

ऐ मेरे पालनहार! मुझे हुक्म (धर्म का ज्ञान) प्रदान कर और मुझे नेक लोगों के साथ मिला।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 83

وَٱجۡعَل لِّي لِسَانَ صِدۡقٖ فِي ٱلۡأٓخِرِينَ

और बाद में आने वालों में मुझे सच्ची ख्याति प्रदान कर।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 84

وَٱجۡعَلۡنِي مِن وَرَثَةِ جَنَّةِ ٱلنَّعِيمِ

और मुझे नेमतों वाली जन्नत के वारिसों में से बना दे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 85

وَٱغۡفِرۡ لِأَبِيٓ إِنَّهُۥ كَانَ مِنَ ٱلضَّآلِّينَ

तथा मेरे बाप को क्षमा कर दे।[15] निश्चय वह गुमराहों में से था।

तफ़्सीर:

15. (देखिए : सूरतुत-तौबा, आयत : 114)

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 86

وَلَا تُخۡزِنِي يَوۡمَ يُبۡعَثُونَ

तथा मुझे रुसवा न कर, जिस दिन लोग उठाए जाएँगे।[16]

तफ़्सीर:

16. ह़दीस में वर्णित है कि प्रलय के दिन इबराहीम अलैहिस्सलाम अपने बाप से मिलेंगे। और कहेंगे : ऐ मेरे पालनहार! तूने मुझे वचन दिया था कि मुझे पुनः जीवित होने के दिन अपमानित नहीं करेगा। तो अल्लाह कहेगा : मैंने स्वर्ग को काफ़िरों के लिए अवैध कर दिया है। (सह़ीह़ बुख़ारी : 4769)

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 87

يَوۡمَ لَا يَنفَعُ مَالٞ وَلَا بَنُونَ

जिस दिन न कोई धन लाभ देगा और न बेटे।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 88

إِلَّا مَنۡ أَتَى ٱللَّهَ بِقَلۡبٖ سَلِيمٖ

परंतु जो अल्लाह के पास पाक-साफ़ दिल लेकर आया।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 89

وَأُزۡلِفَتِ ٱلۡجَنَّةُ لِلۡمُتَّقِينَ

और (अपने रब से) डरने वालों के लिए जन्नत निकट लाई जाएगी।

सूरह का नाम : Ash-Shuara   सूरह नंबर : 26   आयत नंबर: 90

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