कुरान उद्धरण : 
بِسۡمِ ٱللهِ ٱلرَّحۡمَـٰنِ ٱلرَّحِيمِ

وَضَرَبَ ٱللَّهُ مَثَلٗا لِّلَّذِينَ ءَامَنُواْ ٱمۡرَأَتَ فِرۡعَوۡنَ إِذۡ قَالَتۡ رَبِّ ٱبۡنِ لِي عِندَكَ بَيۡتٗا فِي ٱلۡجَنَّةِ وَنَجِّنِي مِن فِرۡعَوۡنَ وَعَمَلِهِۦ وَنَجِّنِي مِنَ ٱلۡقَوۡمِ ٱلظَّـٰلِمِينَ

तथा अल्लाह ने उन लोगों के लिए, जो ईमान लाए, फ़िरऔन की पत्नी का उदाहरण[10] दिया है। जब उसने कहा : ऐ मेरे पालनहार! मेरे लिए अपने पास जन्नत में एक घर बना तथा मुझे फ़िरऔन और उसके कर्म से बचा ले और मुझे अत्याचारी लोगों से छुटकारा दे।

तफ़्सीर:

10. ह़दीस में है कि पुरुषों में से बहुत-से पूर्ण हुए। परंतु स्त्रियों में से इमरान की पुत्री मरयम और फ़िरऔन की पत्नी आसिया ही पूर्ण हूईं। और आइशा (रज़ियल्लाहु अन्हा) की प्रधानता नारियों पर वही है जो सरीद (एक प्रकार का खाना) की सब खानों पर है। (सह़ीह़ बुख़ारी : 3411, सह़ीह़ मुस्लिम : 2431)

सूरह का नाम : At-Tahreem   सूरह नंबर : 66   आयत नंबर: 11

وَمَرۡيَمَ ٱبۡنَتَ عِمۡرَٰنَ ٱلَّتِيٓ أَحۡصَنَتۡ فَرۡجَهَا فَنَفَخۡنَا فِيهِ مِن رُّوحِنَا وَصَدَّقَتۡ بِكَلِمَٰتِ رَبِّهَا وَكُتُبِهِۦ وَكَانَتۡ مِنَ ٱلۡقَٰنِتِينَ

तथा इमरान की बेटी मरयम का (उदाहरण प्रस्तुत किया है), जिसने अपने सतीत्व की रक्षा की, तो हमने उसमें अपनी एक रूह़ फूँक दी तथा उसने अपने पालनहार की बातों और उसकी पुस्तकों की पुष्टि की और वह इबादत करने वालों में से थी।

सूरह का नाम : At-Tahreem   सूरह नंबर : 66   आयत नंबर: 12

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